जानकारी अनुसार यहां पुल का निर्माण आरईएस विभाग द्वारा कराया जाएगा। आरईएस विभाग की मानें तो आने वाले 15 दिनों के भीतर पुल निर्माण के लिए नींव की खुदाई शुरू हो जाएगी, क्योंकि जिला प्रशासन ने खनिज न्यास निधि के जरिए 50 लाख की लागत से यह पुल का निर्माण करवा रहा है।
यहां की मजबूरी ये है कि स्कूली बच्चों को प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने स्कूल जाना पड़ता है। बता दें कि पूर्व कलक्टर ने यहां की परेशानी को देखते हुए पुल बनाने के लिए स्वीकृति दी थी। इस गांव का विकास और बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई में आ रही दिक्कत का सिर्फ एक ही कारण है गांव को मुख्य मार्ग से जोडने वाला खरखरा नाले पर सालों से पुल नहीं होना है। गांव व नई पीढ़ी के विकास में ये ही बड़ी बाधा है जिससे इस गांव के लोगों को परेशानी होती है, पर अब यह समस्या भी जल्द दूर हो जाएगी।
नहीं पहुंच पाती संजीवनी भी
प्राथमिक तक पढ़ाई के बाद माध्यमिक व हाई तथा हाइयर सेकंडरी में पढ़ाई के लिए बच्चों को नाला पार करने की मजबूरी हो जाती है। बच्चे नदी पार कर कोडेकसा स्कूल जाते हैं। जब लगातार बारिश होती है तो गांव टापू बन जाता है। बच्चों का स्कूल जाना भी बंद हो जाता है। बता दें कि यहां साल के 4 माह को छोड़ दें तो 8 माह तक नदी में पानी रहता है।
ग्रामीण जैत लाल ने बताया नदी के कारण उनके जन्म से लेकर अभी तक वे इलाज के अभाव में 5 लोगों की मौत देख चुके हैं। उससे पहले का कोई पता नहीं कि पहले कितने लोगों की मौत हो चुकी होगी। यह गांव जाने के लिए खरखरा नाला पार करना जरूरी है क्योंकि इस नाले में पुल ही नहीं है। किसी की तबीयत बिगड़ी तो इलाज के लिए तीन किमी दूर ग्राम पंचायत पीपरखार लाना पड़ता है। राशन व अन्य घरेलु सामान के लिए भी नदी पार कर ही डौंडीलोहारा या फिर अन्य गांव जाना पड़ता है। पर अब राह आसान हो जाएगा।पुल निर्माण के लिए अब इस नाले में साफ-सफाई शुरू हो गई, दो सप्ताह बाद पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा।