script14 साल में पांचवी बार बदला निगम मुख्यालय भवन का प्रस्ताव, 34 करोड़ के बजाय अब 21 करोड़ रुपए खर्च कर बनाएंगे एनर्जी इफिसिएंट बिल्डिंग | For the fifth time in Bhilai Nigam Building proposal change | Patrika News
भिलाई

14 साल में पांचवी बार बदला निगम मुख्यालय भवन का प्रस्ताव, 34 करोड़ के बजाय अब 21 करोड़ रुपए खर्च कर बनाएंगे एनर्जी इफिसिएंट बिल्डिंग

नगर पालिक निगम के नवीन मुख्यालय भवन का प्रस्ताव पांचवी बार बदला गया। इससे पहले दो बार भवन के ड्राईंग व डिजाइन में बदलाव गया किया जा चुका है। ड्राईंग-डिजाइन बनाने वाले वास्तुविद की फीस पर 16 लाख रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं, तीन-तीन महापौर और वास्तुविद बदल गए, लेकिन अब तक भवन निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है।

भिलाईOct 04, 2019 / 09:56 pm

Tara Chand Sinha

14 साल में पांचवी बार बदला निगम मुख्यालय भवन का प्रस्ताव, 34 करोड़ के बजाय अब 21 करोड़ रुपए खर्च कर बनाएंगे एनर्जी इफिसिएंट बिल्डिंग

14 साल में पांचवी बार बदला निगम मुख्यालय भवन का प्रस्ताव, 34 करोड़ के बजाय अब 21 करोड़ रुपए खर्च कर बनाएंगे एनर्जी इफिसिएंट बिल्डिंग


भिलाई.@ नगर पालिक निगम के नवीन मुख्यालय भवन का प्रस्ताव पांचवी बार बदला गया। इससे पहले दो बार भवन के ड्राईंग व डिजाइन में बदलाव गया किया जा चुका है। ड्राईंग-डिजाइन बनाने वाले वास्तुविद की फीस पर 16 लाख रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं, तीन-तीन महापौर और वास्तुविद बदल गए, लेकिन अब तक भवन निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है। अब महापौर व विधायक देवेन्द्र यादव अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले प्रस्ताव को धरातल पर दिखाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
महापौर देवेन्द्र यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई एमआईसी की बैठक में कुल तीन प्रस्तावों पर चर्चा हुई। सभी प्रस्तावों को स्वीकृति दी। निगम मुख्यालय भवन के अलावा खुर्सीपार से नंदनी रोड पॉवर हाउस तक केनाल रोड निर्माण से प्रभावित परिवारों को व्यवस्थापन के तहत प्रधानमंत्री आवास नियम शर्तों के साथ आवंटित करने का निर्णय लिया। – कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फेसिलिटी के तहत ई-टेक प्रायवेट लिमिटेड को सेमरिया में 14.42 एकड़ जमीन 15 साल के लिए लीज पर देने पर सहमति जताई गई। बैठक में एमआईसी सदस्य नीरज पाल, जोहन सिन्हा, डॉ दिवाकर भारती, सूर्यकांत सिन्हा, सुभद्रा सिंह, सुशीला देवांगन, नरेश कोठारी, निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी और भवन अनुज्ञा अधिकारी सुनील जैन मौजूद रहे।

15 साल पहले बना था पहला प्रस्ताव

1. 6 जून 1998 को साडा भंग हुआ। दिसंबर 2000 में नगर निगम का प्रथम चुनाव हुआ। नीता लोधी प्रथम महापौर बनीं। साडा कार्यकाल की जर्जर बिल्डिंग को रिपेयरिंग कर निगम मुख्यालय भवन बनवाया।
2. 2005-06 में विद्यारतन भसीन महापौर बने। उन्होंने 2007-08 में निगम परिसर में ही 22 वर्गमीटर क्षेत्रफल में तीन मंजिला नवीन मुख्यालय भवन का प्रस्ताव और मॉडल बनवाया। कार्यकाल बीत गया, लेकिन प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिली।
3. 2010 -11 में निर्मला यादव महापौर बनी। उन्होंने चंदूलाल चंद्राकर बस स्टैंड केकी जमीन को शामिल कर भव्य बिल्डिंग बनाने प्रस्ताव लाया, लेकिन बस स्टैंड की जमीन विवादित होने की वजह से सामान्य सभा से प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिली। कार्यकाल दिसंबर 2015 में समाप्त हो गया। भवन निर्माण का प्रस्ताव अधूरा रह गया।
4. जनवरी 2016 में देवेन्द्र यादव महापौर बने। 4 जनवरी 2017 को शासन से नवीन मुख्यालय भवन निर्माण के लिए स्थल परिवर्तन की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने पर निगम मुख्यालय परिसर के दक्षिण में खाली जमीन पर भवन निर्माण का डीपीआर तैयार करवाया। तकनीकी स्वीकृति लेकर सामान्य सभा में 27 करोड 98 लाख 69 हजार का डीपीआर प्रस्तुत किया। 26 मार्च 2018 को हुई सामान्य सभा में डीपीआर में कई कमियां गिनाई। कमियों को दूर कर वास्तुविद से पांच मंजिला एनर्जी इफिसिएंट बिल्डिंग का डीपीआर और ड्राईंग-डिजाइन तैयार किया है।
प्रस्ताव को लेकर ये आपत्तियां थी

– नवीन मुख्यालय भवन के ले-आउट में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का उल्लेख नहीं है।
– बिजली को बचाने के लिए सोलर एनर्जी का प्रावधान नहीं किया गया है।
– निगम मुख्यालय में रोजाना 200 गाडिय़ां आती है, लेकिन नए भवन के डिजाइन में मात्र 46 कार पार्किंग की व्यवस्था होना दर्शाया गया था।

एक नजर में

पहले –
स्थान-मुख्यालय भवन परिसर
भवन का क्षेत्रफल- 2117.47वर्ग मीटर
लागत- 35 करोड़

अब
स्थान- मुख्यालय भवन परिसर

भवन का क्षेत्रफल- 2117.47वर्ग मीटर
लागत- 21 करोड़ 29 लाख

इनर्जी इंफिसिएंट बिल्डिंग की खासियत

– पांच मजिला भवन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि चारों तरफ से कक्ष में हवा आएगी।
– भवन में सेंसर सिस्टम होगा। जब लोग मौजूद रहेंगे तब बिजली व पंखा चालू होगा। लोगों के बाहर निकलते ही कमरे की लाइट, पंखा बंद हो जाएगा।
– भवन का बिजली, पंखा सोलर ऊर्जा से संचालित होगा।
– बाथरूम से निकलने वाला गंदा पानी ऑटोमैटिक रिसाइकल होगा। पाइप लाइन के जरिए गार्डन के पौधों में सिंचाई की जाएगी।

बाक्स

भूतल- 2169.47 वर्ग मीटर
कार्यालय- पूछताछ केन्द्र, महिला एवं समाज कल्याण विभाग, राजस्व, स्वास्थ्य विभाग, गुमास्ता लाइसेंस, भवन अनुज्ञा, आरटीआई, संपत्तिकर, वाहन शाखा, फायर, वेटिंग एरिया, हाल और बैंक।
पहली मंजिल -2030.02 वर्ग मीटर
कार्यालय-मेयर ऑफिस, मीटिंग रिटायरिंग, पैंट्री, वेटिंग हाल, सभापति ऑफिस, सचिवालय, कार्पोरेटर हॉल, एमआईसी मेंबर्स कक्ष, नेताप्रतिपक्ष, एल्डरमैन कक्ष, रिकॉर्ड रूम, पैंट्री, वेटिंग लॉबी

दूसरी मंजिल – 2030.02 वर्गमीटर
कार्यालय- मीटिंग हॉल, वीआईपी लांच विथ पेंट्री, स्माल मीटिंग हाल, खाद्य विभाग, , बाढ़ राहत आपदा विभाग, उद्यानिकी, आजीविका मिशन, मुख्य अधीक्षण अभियंता, सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑफिस
तीसरी मंजिल – 2030.02 वर्ग मीटर

कार्यालय- आटिडोरियम, वीआईपी लांज, लाइबे्ररी, डाटा सेंटर, जनगणना, शिक्षा, लोककर्म, स्टेशनरी, प्रयोगशाला

चौथी मंजिल – 688.73
कार्यालय- ऑडिटोरियम, दो लांज

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