इधर फोर्स के हेडक्वार्टर और बटालियन में वोटिंग को लेकर उनके उच्चाधिकारियों ने तैयारी पूरी कर ली है। अधिकारियों का कहना है कि पहली बार निर्वाचन आयोग ने सेना और सुरक्षा बलों में तैनात लोगों के लिए बेहतर रास्ता निकाला। इससे पहले यह जवान डाकमतपत्र का इस्तेमाल करते थे, जिससे अधिकांश के डाकमत पत्र नहीं पहुंच पाते थे।
इस ई-बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग करने के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है। फोर्स में अधिकारी अपने हिसाब से तारीख तय कर वोटिंग करा सकते हैं, इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह सभी बैलेट पेपर मतगणना के पहले ही संबंधित लोकसभा क्षेत्र में पहुंचना चाहिए।
बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और सीआईएसएफ के कैंपों में पहले चरण के मतदान के बाद कई जवानों ने ई-बैलेट पेपर के जरिए मतदान किया। अकेले बीएसएफ के भिलाई स्थित हेडक्वार्टर में करीब 200 जवानों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
इलेक्ट्रीकल ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम यानी ई-वोटिंग के लिए सबसे पहले हेडक्वार्टर के उच्च अधिकारी या बटालियन के कमांडेंट के पास एक पासवर्ड आएगा। पासवर्ड डालने पर बैलेट पेपर ऑन लाइन डाउनलोड किए जाएंगे। इसके बाद सभी जवानों और अधिकारियों को उनके लोकसभा क्षेत्र के अनुसार बैलेट पेपर दिए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ बीएसएफ आईजी जेबी सांगवान ने बताया कि ई-बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग की जानकारी जवानों और अधिकारियों को दी गई है। सालभर से इसकी ट्र्रेनिंग भी दी जा रही है। पहले चरण के मतदान के दौरान कई जवानों ने वोट भी किया है, अब अपने-अपने प्रदेश के चुनाव की तारीख के अनुसार सभी वोट डालेंगे।
एसएसबी डीआईजी वी विक्रमन ने कहा कि ई-वोटिंग के लिए बटालियन से लेकर सीओबी में तैयारी हो चुकी है। कमांडेंट के पास पासवर्ड आएगा। इसके बाद ई-बैलेट पेपर डाउनलोड होंगे और वे अपनी सुविधा अनुसार तारीख तय कर वोटिंग कराने के बाद ई-बैलेट पेपर संबंधित स्थानों में पोस्ट करेंगे।