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नाराजगी दूर करने ये होगा फॉर्मूला : जो मंत्री नहीं पाएंगे उनको निगम-मंडल और प्राधिकरण अध्यक्ष पर एडजस्ट किया जाएगा

locationभिलाईPublished: Dec 21, 2018 02:36:48 pm

संवैधानिक व्यवस्था में सिर्फ 12 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। ऐसे में दावेदारों की सूची में मंत्री पद से वंचित रहने वालों की नाराजगी सामने आ सकती है। असंतुष्टों को मनाने के लिए उनको निगम-मंडल, प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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नाराजगी दूर करने ये होगा फॉर्मूला : जो मंत्री नहीं पाएंगे उनको निगम-मंडल और प्राधिकरण अध्यक्ष पर एडजस्ट किया जाएगा

भिलाई@Patrika. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में मंत्रिमंडल गठन की तैयारी शुरू हो गई है। मंत्रिमंडल के 12 में से दो मंत्री टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू पहले ही शपथ ले चुके हैं। मुख्यमंत्री के बाद अब सूची में 21 नाम शेष हैं, जिनमें से 10 को मंत्री बनने का मौका मिलेगा।
मंत्री पद 10 और दावेदार 21

कांग्रेस सरकार 23 दिसंबर को अपने मंत्रिमंडल का गठन कर लेना चाहती है। ऐसे में इसके लिए मंत्रिमंडल के नाम तय करना है। इसकी कवायद को अंतिम रूप दिल्ली में दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंत्री पद के दावेदारों की सूची लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं। वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर इस सूची में दो दर्जन दावेदार थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दो मंत्रियों के बाद अब इसमें केवल 10 विधायकों को ही जगह मिल सकती है। इसलिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विमर्श किया जा रहा है ताकि विधायकों के असंतोष को संभाला जा सके।
नाराजगी दूर करने का ये होगा फॉर्मूला
@Patrika.संवैधानिक व्यवस्था में सिर्फ 12 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। ऐसे में दावेदारों की सूची में मंत्री पद से वंचित रहने वालों की नाराजगी सामने आ सकती है। असंतुष्टों को मनाने के लिए उनको निगम-मंडल, प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी जा सकती है। प्रदेश में कई प्राधिकरणों का ढांचा मंत्रालयों से भी बड़ा है। अनुभवी विधायकों को यहां समायोजित किए जा सकता है। मुख्यमंत्री ने इसका खाका भी तैयार कर लिया है।
कांग्रेस सरकार में भी होंगे संसदीय सचिव
@Patrika.कांग्रेस सरकार में भी संसदीय सचिव की नियुक्ति की जा सकती है। सरकार इससे इनकार नहीं करती है। इसके पीछे तर्क कि संसदीय सचिव पद का विरोध करने पर पिछली सरकार ने उसपर ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस की मांग पर सरकार पद समाप्त करती तो अभी नियुक्ति करना अनुचित होता। बहरहाल, सरकार विधिक परामर्श लेकर संसदीय सचिव की नियुक्ति की तैयारी में है।
विभागों के बंटवारे पर भी असंतोष का अंदेशा
@Patrika.नई सरकार के सामने अब भी दो बड़ी उलझनें हैं। पहली तो मंत्रिमंडल में 21 विधायकों में से किसको जगह दी जाए? दूसरी उलझन विभागों के बंटवारे को लेकर है। जिन दो मंत्रियों ने शपथ ली है उनको भी विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं। दरअसल, माना जा रहा है कि सभी 12 नाम तय होने के बाद विभागों का आवंटन किया जाएगा। दोनों मंत्री भी इससे सहमत हैं। हालांकि सिंहदेव को वित्त और ताम्रध्वज को गृह विभाग का दायित्व दिया जा सकता है।
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