शुक्रवार की सुबह इनमें से विधायक अरुण वोरा के करीबी धीरज बाकलीवाल और राजेश यादव को छोड़कर अन्य प्रमुख दावेदार मदन जैन, राजकुमार नारायणी, अब्दुल गनी और शहर कांग्रेस अध्यक्ष आरएन वर्मा एकराय होकर दिल्ली रवाना हो गए। उनके साथ बोरसी की पार्षद प्रेमलता साहू के पति पोषण साहू के भी दिल्ली रवाना हुए हैं। उनकी दिल्ली रवानगी की जानकारी सामने आने के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया। पूरे दिन कांग्रेस नेता व अन्य पार्षद उनके दिल्ली जाने के बार में टोल लेते रहे।
नगर निगम में कांग्रेस के 30 पार्षदों ने जीत दर्ज की है। इनमें से मदन जैन, धीरज बाकलीवाल, मौजूदा निगम सभापति राजकुमार नारायणी, पार्षद अब्दुल गनी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष व पार्षद आरएन वर्मा की पत्नी सत्यवती वर्मा और राजेश यादव मेयर पद के प्रमुख दावेदार हैं। दो दिन पहले पर्यवेक्षक धनेंद्र साहू के सामने लगभग सभी अपनी दावेदारी पर अडिग रहे और पार्षदों का समर्थन जुटाने में लगे रहे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार दिल्ली रवानगी से पहले गुरुवार की रात दिल्ली जाने वाले इन दावेदारों ने कांग्रेस के अन्य पार्षदों से भी संपर्क किया था। पार्षदों को दिल्ली चलने के लिए कहा गया था। हालांकि इस दौरान दिल्ली में किसके नाम पर लामबंदी की जाएगी इसकी जानकारी नहीं दी गई। इसके कारण कई पार्षदों ने दिल्ली जाने से मना कर दिया।
जानकारी के मुताबिक सभी दावेदार सुबह नियमित उड़ान से दिल्ली रवाना हुए। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में पूरे दिन बड़े नेताओं से मिलने के बाद देर रात चारों दावेदार वापस लौटने वाले हैं। इससे पहले दावेदार मदन जैन सामाजिक प्रतिनिधियों के साथ दिल्ली होकर लौट चुके हैं। तब वे वोरा के सामने अपनी दावेदारी कर चुके हैं।
दिल्ली गए चारों दावेदारों के मोबाइल पूरे दिन बंद रहे। दावेदारों के लामबंद होकर दिल्ली रवानगी की सूचना के बाद चारों से मोबाइल पर संपर्क का लगातार प्रयास किया गया, लेकिन हर बार सभी का मोबाइल बंद मिला। तस्दीक पर विधायक सहित नजदीकी पार्षदों ने चारों के दिल्ली जाने की पुष्टि की।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधायक अरुण वोरा मेयर पद के लिए अपने करीबी धीरज बाकलीवाल के पक्ष में हैं। ऐसे में शेष चारों दावेदारों के लामबंदी को धीरज और परोक्ष रूप से विधायक अरुण वोरा के खिलाफ माना जा रहा है। यदि चारों में किसी एक नाम पर सहमति हो जाती है कि विधायक के करीबी बाकलीवाल का दावा कमजोर पड़ जाएगा।
विधायक अरुण वोरा के साथ मदन जैन के गाहेबगाहे तल्खीपूर्ण व्यवहार की चर्चा होती रहती है। पार्षद पद के लिए टिकट वितरण के दौरान कुछ नामों को लेकर उनकी शहर कांग्रेस अध्यक्ष आरएन वर्मा से भी उनकी अनबन की बात भी सामने आई थी। इसके चलते नामों की घोषणा कई दिन तक टलत रहा था। इसे भी लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है।
0 5 में से 4 सीधे तौर पर महापौर के दावेदारी करते रहे हैं। चारों के एक साथ अचानक दिल्ली रवानगी से किसी एक के पक्ष में लामबंदी का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि चारों में से किसके नाम को आगे बढ़ाया जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं हुआ है।
0 विधायक वोरा के मुताबिक उन्हें दिल्ली जाने व कारणों की जानकारी नहीं दी गई है। इसके अलावा किन नेताओं से मिले हैं यह भी नहीं बताया गया है। ऐसे में इसे शहर विधायक से अलग गुटबाजी के रूप में भी देखा जा रहा है।
अरुण वोरा, विधायक दुर्ग ने कहा कि पार्षद दिल्ली क्यों और किस मकसद से गए हैं, किनसे मुलाकात हुई है इसकी जानकारी मुझे नहीं है। किसी ने मुझे इसकी अधिकृत रूप से जानकारी नहीं दी है। यदि ऐसा है तो यह अनुचित है। इस संबंध में अभी ज्यादा कुछ नहीं कह पाउंगा, लेकिन यह तय है कि मेयर व सभापति का चुनाव पार्षदों व वरिष्ठ नेताओं की पसंद व सर्वानुमति से किया जाएगा।