scriptइस होली मुफ्त में दिल का ऑपरेशन कर गरीब राजकुमारी को चार डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी, पढि़ए मानवता की अनोखी मिसाल | Four doctors gave new life to poor Rajkumari for heart surgery | Patrika News

इस होली मुफ्त में दिल का ऑपरेशन कर गरीब राजकुमारी को चार डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी, पढि़ए मानवता की अनोखी मिसाल

locationभिलाईPublished: Mar 20, 2019 02:14:32 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

राजकुमारी को यह जीवनदान वह भी मुफ्त में मिला आल्टीस हार्ट इंस्टीट्यूट (चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल ) के डॉक्टरों सुप्रीत चोपड़ा, आकाश बख्शी और राहुल गुलाटी की वजह से।

patrika

इस होली मुफ्त में दिल का ऑपरेशन कर गरीब राजकुमारी को चार डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी, पढि़ए मानवता की अनोखी मिसाल

भिलाई. हार्ट वॉल्व के गंभीर संकुचन से पीडि़त 56 साल की राजकुमारी चौहान मंगलवार को बहुत खुश थी। दस दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसकी छुट्टी हो रही थी। ओपन हार्ट सर्जरी कर उसके हार्ट में नया वॉल्व लगाया गया है। राजकुमारी को यह जीवनदान वह भी मुफ्त में मिला आल्टीस हार्ट इंस्टीट्यूट (चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल ) के डॉक्टरों सुप्रीत चोपड़ा, आकाश बख्शी और राहुल गुलाटी की वजह से।
राजकुमारी की गरीब परिस्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने न केवल नि:शुल्क ऑपरेशन किया बल्कि वॉल्व से लेकर दवाई और अस्पताल में रहने- खाने की भी पूरी व्यवस्था की। राजकुमारी उनके लिए यह सब करने वाले डॉक्टर का नाम नहीं जानती। छुट्टी के वक्त जैसे ही डॉ. राहुल गुलाटी को देखा फफक पड़ी। कहने लगी यही तो है वो जिन्होंने मुझे नई जिंदगी दी है। राजकुमारी की व्यथा, उसकी ही जुबानी….
कवर्धा में महिला एवं बाल विकास विभाग में चपरासी के पद पर कार्यरत मेरे पति संतोष चौहान असमय चल बसे। बदले में बेटे लेखराज चौहान को अनुकंपा में नौकरी मिली, लेकिन एक दिन सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के दौरान उसे पैरालिसिस हो गया। कमर से नीचे का पूरा हिस्सा संवेदनशून्य हो गया। इकलौते जवान बेटे के इलाज में 9 एकड़ खेत बिक गए, लेकिन आराम नहीं मिला। मुसीबतों का कहर इतने में ही नहीं थमा। मेरी भी तबियत बिगडऩे लगी।
एक दिन पता चला कि मेरे हार्ट का वॉल्व सिकुड़ गया है। जीने के लिए तत्काल बदलना जरूरी है। मैं इलाज के लिए भटकती रही। निजी अस्पतालों में गई। तीन-चार लाख खर्च बताया। रायपुर के सरकारी अंबेडकर अस्पताल में इलाज करवाने गई। वहां से एम्स भेज दिया। ऑपरेशन में 1.30 लाख रुपए खर्च बताया। मैं इतना पैसा कहां से ला पाती? स्मार्ट कार्ड, राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज नहीं होने के कारण संजीवनी कोष से भी मदद नहीं मिल पाई।
हमारे लिए तो मसीहा बनकर आया वह डॉक्टर
खुर्सीपार में रहने वाली मेरी छोटी बहन शैल देवी मुझे यहां ले आई। एक दिन चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल ले आई। यहां भी तीन लाख रुपए ऑपरेशन का खर्च का हिसाब थम दिया। कागज की पर्ची लेकर हम दोनों बहने रोती हुईं अस्पताल से बाहर जा रही थीं। तभी डॉ. राहुल गुलाटी ( वह नाम नहीं जानती) की नजर हम पर पड़ गई। उन्होंने हमें रोका। मैंने पूरी व्यथा कह सुनाई। इसके बाद डॉ. गुलाटी ने कहा कि तुम्हारा इलाज यहीं होगा और नि:शुल्क होगा। हमें तो यकीन ही नहीं हो रहा था। कुछ समझ में भी नहीं आ रहा था। लेकिन आज मैं आपके सामने स्वस्थ होकर इस अस्पतल से जा रही हंू।
अमेरिका में रहने वाली सहेली ने किया वॉल्व डोनेट
इसके बाद डॉ. गुलाटी ने कार्डियोलॉजिस्ट एंड थोरेसिस सर्जन डॉ. सुप्रीत चोपड़ा और डॉ. आकाश बख्शी से चर्चा की। वे भी बिना फीस लिए ऑपरेशन करने खुशी-खुशी सहमत हो गए। अब वॉल्व व दवाई के लिए पैसे का इंतजाम करना था। डॉ. सुप्रीत ने अमेरिका में रहने वाली अपनी सहेली डॉ. नीना सिंह से बात की। उन्होंने भी बिना देरी के वॉल्व की कीमत 60 हजार रुपए तुरंत भेज दिए। कुछ अन्य लोगों ने दवाई में सहयोग किया।
असमर्थ लोगों के इलाज में हर कोई मदद करें
कार्डियक सर्जन डॉ. सुप्रीत चोपड़ा ने बताया किहार्ट फाउंडेशन से जुड़ी हुई हूं। जरुरतमंदों की मदद करती रहती हंू। मैं लोगों से अपील करती हूं कि जो इलाज कराने में असमर्थ हैं, उसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाएं। इलाज के अभाव में किसी का जीवन व्यर्थ न जाए।
राजकुमारी के चेहरे पर मुस्कान होली का गिफ्ट
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आकाश बख्शी ने बताया कि महिला के पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। हम लोगों ने अपनी फीस को फ्री कर दिया। सुप्रीत चोपड़ा ने हार्ट फाउंडेशन की मदद से सर्जरी की।राजकुमारी स्वस्थ्य होकर अपने घर गई। यह हमारे लिए होली का गिफ्ट है।
कोई भी गरीब इलाज से वंचित न हो
डायरेक्टर मेडिकल बोर्ड आल्टीस हार्ट इंस्टीट्यूट डॉ. राहुल गुलाटी ने कहा कि मेरा मानना है कि पैसे के अभाव में गरीब इलाज से वंचित नहीं होना चाहिए। आल्टीस हार्ट इंस्टीट्यूट की टीम ने मिलकर राजकुमारी की नि:शुल्क हार्ट सर्जरी की।लोगों की मदद से यह कर सका। इसका श्रेय पूरी टीम को जाता है।

ट्रेंडिंग वीडियो