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गैंगस्टर तपन सरकार : कर्म ऐसा किया कि पत्नी के इलाज के लिए भी नहीं मिली जमानत

locationभिलाईPublished: Jun 12, 2019 11:39:28 pm

गैंगस्टर तपन सरकार के गिरोह में शामिल सुभाष नगर निवासी ताम्रध्वज उर्फ मोनू यादव का जमानत आवेदन ( anticipatory bail application) न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू ने खारिज कर दिया। उसने गर्भवती पत्नी की देखभाल को आधार बनाकर जमानता मांगी थी।

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गैंगस्टर तपन सरकार के फरार साथी का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज

दुर्ग@Patrika. गैंगस्टर तपन सरकार के गिरोह में शामिल सुभाष नगर निवासी ताम्रध्वज उर्फ मोनू यादव का जमानत आवेदन न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू ने खारिज कर दिया। उसने गर्भवती पत्नी की देखभाल को आधार बनाकर जमानता मांगी थी। (Gangster Tapan sarkar) उगाही के मामले में मोनू यादव के खिलाफ छावनी पुलिस ने एफआइआर दर्ज किया है। मामला दर्ज होने के बाद से पुलिस उसे फरार बता रही है। न्यायाधीश ने जमानत आवेदन पर फैसला सुनाते हुए कहा कि शिकायकर्ता के आवेदन और मोमेरण्डम बयान से आरोपी मोनू यादव की प्रकरण में संलिप्ता स्पष्ट तौर पर प्रतीत हो रहा है। (Durg District court) अपराध की प्रकृति गंभीर है। इस प्रकरण में पुलिस ने अन्य आरोपी गोपाल उर्फ गीत सिंह, गोपाल टकला, मनीष दुबे के खिलाफ जांच कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया है। (Court decision news) वहीं अन्य आरोपी शैलेष तिवारी, चुन्नीलाल, ताम्रध्वज यादव उर्फ मोनू के खिलाफ अन्वेषण होना शेष है। ऐसे में अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है।
जमानत आवेदन में लिखा डॉक्टर ने पत्नी के ऑपरेशन की सलाह दी
अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन में आरोपी ने कहा है कि उसकी पत्नी का पहला प्रसव ४ मई २०१४ को ऑपरेशन से हुआ है। अभी वह गर्भवती है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि दूसरा प्रसव भी ऑपरेशन से ही होगा। गर्भ में पल रहे बच्चे को ९ माह तक गर्भ में रखना उचित नहीं है। सात माह के दौरान ही ऑपरेशन कर प्रसव करना आवश्यक है। अगर पुलिस उसे गिरफ्तार करती है तो उसे जेल जाना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में उसका मन:स्थिति खराब होगी और वह अपनी पत्नी की देखभाल नहीं कर सकेगा। आरोपी ने न्यायालय को बताया कि छावनी पुलिस ने उसके खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज किया है।
उगाही की शिकायत पर मामला दर्ज
भिलाई निवासी नियाज सिद्धिकी ने पुलिस को जानकारी दी है कि उसकी मुलाकात जेल में गैंगस्टर तपन सरकार से हुई थी। उसने ही आइपीएल सट्टा खिलाने मजबूर किया है। इनकार करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इस काम के लिए तपन ने कहा था कि मंटू उर्फ मनीन, चुन्नीलाल, गोपाल टकला, मोनू यादव मदद करेंगे। इस काम को शुरू करने के बाद वसूली का काम जूती व अजय मेनन करते थे। वह अब तक उन्हें १५ लाख दे चुका हैं। तपन सराकर के इलाज के नाम पर १० लाख दे चुका है। जिसके आधार पर पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा ३८४,३८६, ५०६ व ३४ के अपराध दर्ज किया है।
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