बता दें कि पूरे राज्य में 21 दिनों तक लॉकडाउन है और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 22 मार्च से देशी एवं अंग्रेजी शराब दुकानों को बंद कर दिया गया है। इससे बहुत से ऐसे लोग जो शौकिए तौर पर पीतेै थे उन्होंने शराब से तौबा कर लिया है। यदि कदुाकनें नहीं खुली तो ऐसे लोग हमेशा के लिए शराब छोड़ सकते हैं।
कार्यालय छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के विशेष सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान मदिरा के विक्रय को प्रतिबंध किया गया है। किंतु मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शराब नहीं मिलने से अवैध शराब का सेवन से लोगों की मृत्यु हुई और आत्महत्या भी की गई है। पीने वालों द्वारा चोरी कर मदिरा सेवन की भी खबर है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए एवं भविष्य में होने वाली जान माल की हानि को रोकने शासन द्वारा मदिरा दुकानों को प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में मदिरा दुकानों के संचालन के लिए आवश्यक निर्देश तथा प्रायोजन हेतु समिति गठित की जाती हैैैै।
राज्य सरकार द्वारा बनाई गई समिति में अनिमेष नेताम (उपमहाप्रबंधक सीएसएमसीएल मुख्यालय) को अध्यक्ष बनाया गया है। सदस्यों में एनआईसी के तकनीकी निर्देशक शिशिर रायजादा, सीएसएमसीएल के वित्तीय सलाहकार श्रीनिवास मुदलियार और सीएसएमसीएल के उपमाहप्रबंधक अरविंद पाटले अध्यक्ष सहित चार लोग शामिल हैं।
समिति द्वारा लॉकडाउन में शराब दुकान खोलने के लिए गुणदोष के अनुसार आधार कार्ड सहित पेन कार्ड को अनिवार्य किए जाने की भी चर्चा है। देशी शराब दुकानों में आधार कार्ड और अंग्रेजी शराब दुकान में एक हजार से ऊपर और बोतल लेने पर पेनकार्ड दिखाना पड़ सकता है। यह भी चर्चा है कि बोतल लेने वाले की तस्वीर भी खींची जाएगी ताकि एक सप्ताह में वह व्यक्ति दोबारा शराब लेने न पहुंच सके । हालांकि यह सिर्फ चर्चा है। शराब बेचने के तरीके, दुकान खुलने के घंटे और एक व्यक्ति कितनी मात्रा में शराब बेची जाएगी यह निर्णय समिति लेगी। समिति के नियम एवं शर्तों के आधार पर दुकान खोली जाएगी।
सरकार द्वारा जहां लॉकडाउन में दुकान खोलने के लिए समिति गठित कर दी गई वहीं दूसरी ओर राज्यभर के विभिन्न संस्था संगठन के लोगों ने इसी बहाने पूर्ण शराबबंदी की मांग की है। जनहित संघर्ष समिति भिलाई के शारदा गुप्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि छत्तीसगढ़ का सर्वांगीण विकास एवं राज्य की जनता की सेहत को ध्यान में रखते हुए मदिरा दुकान को हमेशा हमेशा के लिए लॅाकडाउन किया जाए। इसके लिए यह समय सर्वोत्तम अवसर है। उन्होंने कहा है कि 22-23 दिनों के इस ट्रायल में यह साबित हो रहा है कि कोई भी व्यक्ति बिना नशा के न तो बीमार पड़ रहा है और न ही परिवार में झगड़े झंझट की शिकायत सामने आई है। यहां तक कि इस दौरान क्राइम रेट बहुत कम हो गया है। उन्होंने नागरिकों से भी निवेदन किया है कि अपने एवं परिवार और समाज को नशामुक्त करना है तो इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं।