23 दिनों के बाद ही कर दिए थे बंद
कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन में २३ मार्च २०२० के बाद से मैत्रीबाग बंद किए थे। करीब 330 दिनों के बाद मैत्रीबाग को खोलने की अनुमति जिला प्रशासन से मिली। 13 फरवरी 2021 से मैत्रीबाग पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। जब इस दौरान तेजी से कोरोना के केस बढऩे लगे, तब 8 मार्च 2021 से जिला प्रशासन ने फिर मैत्रीबाग को बंद करने निर्देश दे दिए। इसके बाद से मैत्रीबाग बंद ही है।
कोरोना का प्रभाव घटा
छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का प्रभाव दूसरे राज्यों के मुकाबले कम हो चुका है। इस वजह से तमाम तरह के शॉप को खोलने की इजाजत दे दी गई है। तमाम सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुरू हो चुका है। मार्केट पहले की तरह गुलजार हो गए हैं। ऐसे में लोगों को मनोरंजन के लिए एहतियात के साथ मैत्रीबाग जाने की छूट मिल रही है। प्रबंधन चाहता है कि मैत्रीबाग और जू दोनों को खोलने अनुमति मिले और बच्चों को लेकर प्रशासन अधिक शर्तें न रखे। परिजन बच्चों को लेकर मैत्रीबाग आते हैं और जब भीतर जाने से रोका जाता है तब विवाद की स्थिति बन जाती है।
वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर ध्यान
मैत्रीबाग प्रबंधन सबसे पहले मुख्य मार्ग से प्रवेश करने वालों के लिए गेट पर वाशबेसिन लगाने जा रहा है। जिससे वन्य प्राणियों तक पहुंचने से पहले ही लोग अपने हाथ साफ कर लें। इससे वन्य प्राणी, कर्मियों और पर्यटकों सभी सुरक्षित रहेंगे। मैत्रीबाग में हर माह करीब एक लाख पर्यटक आते हैं। इस तरह से हर दिन कम से कम 3 हजार पर्यटक जू में पहुंचते हैं। इनके लिए प्रबंधन को विशेष व्यवस्था करनी होगी। जिससे यहां आने वाले किसी व्यक्ति के साथ कोरोना वायरस वन्य प्राणियों तक न पहुंच जाए।
अभी भी हर दिन गेट तक आते हैं पर्यटक
मैत्रीबाग के गेट से हर दिन करीब 75 से अधिक पर्यटक लौट रहे हैं। यह संख्या रविवार को बढ़ जाती है। मैत्रीबाग के खजाने में टिकट, कैंटीन संचालन, वाहन स्टैंड, नौका विहार से रकम आती है। जो लंबे समय से बंद है। इस दौरान सुरक्षा और वन्य प्राणियों पर होने वाले खर्च में कोई कटौती नहीं हुई है।
एहतियात की वजह से कर रहे विलंब
मैत्रीबाग प्रभारी, डॉक्टर एनके जैन ने बताया कि मैत्रीबाग को सितंबर 2021 के पहले सप्ताह में शुरू किया जाएगा, वह भी जब जू के साथ अनुमति मिलेगी तब। इस वक्त कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कुछ समय बंद ही रखने का फैसला किए हैं।