जिले के 16 सरकारी स्कूल में दाखिल बच्चों में 60 फीसदी बच्चे निजी स्कूल से यहां पहुंचे हैं। नि:शुल्क शिक्षा के साथ यूनिफार्म, किताबें और अन्य कई सुविधाओं को देख पालकों ने बच्चों को निजी स्कूल से निकलकर सरकारी स्कूल में पढ़ाना ही उचित समझा। इधर निजी स्कूलों में बच्चों की कम होती संख्या के चलते जिले के 62 स्कूलों ने स्कूल बंद करने और मान्यता समाप्त करने का आवेदन विभाग को पहले ही दे दिया था।
सरकारी अंग्रेजी स्कूलों में पहली से लेकर 9 वीं तक सीटें फुल हो चुकी है, जबकि 10 वीं से 12 वीं तक कुछ स्कूलों में एडमिशन की गुजाइंश है। पाटन, रिसाली, बोरी, धमधा, सेलूद, जामगांव, रानीतराई के स्कूलों में 9 वीं से 10 वीं में अब भी कई सीटें खाली है।
शासकीय उमा शाला कुम्हारी-
सीट- 800
प्रवेश- 815 शासकीय उमा शाला सेक्टर- 6
सीट- 600
प्रवेश 613 यहां हो गई सीटें फुल
शासकीय उमा शाला पाटन- 360
शासकीय उमा शाला रिसाली- 400 यहां खाली है कुछ सीटें
शासकीय उमा शाला जंजगिरी
सीट- 520
प्रवेश- 518
सीट- 1000
प्रवेश- 939 शासकीय उमा शाला भिलाई-3
सीट- 480
प्रवेश- 438 शासकीय उमा शाला नगपुरा
सीट- 360
प्रवेश 348 शाकीय उमा शाला बोरी
सीट 360
प्रवेेश-353 शासकीय उमा शाला धमधा
सीट- 400
प्रवेश- 356
सीट- 480
प्रवेश- 377 शासकीय उमा श्साला खम्हरिया
सीट 480
प्रवेश- 414 शासकीय उमा शाला सेलूद
सीट- 320
प्रवेश- 290 शासकीय उमा शाला जामगांव(आर)
सीट- 360
प्रवेश- 313 शासकीय उमा शाला जामगांव (एम)
सीट- 200
प्रवेश- 184
सीट- 320
प्रवेश- 254