scriptभिलाई महिला महाविद्यालय में 65 साल में रिटायर होने वाले अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों को 60 साल में जबरन हटाया, जमकर बवाल | Grantee Professors in Bhilai Women's College removed in 60 years | Patrika News

भिलाई महिला महाविद्यालय में 65 साल में रिटायर होने वाले अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों को 60 साल में जबरन हटाया, जमकर बवाल

locationभिलाईPublished: Jun 17, 2020 01:27:43 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

भिलाई महिला महाविद्यालय में एक बार फिर प्रोफेसर और मैनेजमेंट आमने-सामने आ गए है। मैनेजमेंट ने मंगलवार को एक साथ 6 यूजीसी अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों को रिटायरमेंट का कागज थमा दिया।

भिलाई महिला महाविद्यालय में 65 साल में रिटायर होने वाले अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों को 60 साल में जबरन हटाया, जमकर बवाल

भिलाई महिला महाविद्यालय में 65 साल में रिटायर होने वाले अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों को 60 साल में जबरन हटाया, जमकर बवाल

भिलाई. भिलाई महिला महाविद्यालय में एक बार फिर प्रोफेसर और मैनेजमेंट आमने-सामने आ गए है। मैनेजमेंट ने मंगलवार को एक साथ 6 यूजीसी अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों को रिटायरमेंट का कागज थमा दिया। कायदे से प्रोफेसरों को रिटायर करने से 6 महीने पहले इसकी सूचना दी जाती है, लेकिन मैनेजमेंट ने यह काम आनन-फानन में किया। उक्त 6 प्रोफेसरों को कॉलेज बुलाकर कल से नहीं आने का फरमान सुना दिया गया। इसके बाद से कॉलेज में हंगामा मच गया। बुधवार सुबह महिला महाविद्यालय के गेट पर जबरन हटाए गए प्रोफेसरों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया।
मैनेजमेंट ने दलील दी है कि प्रोफेसरों को 60 वर्ष की आयु पूरी होने की वजह से हटाया गया है, जबकि कॉलेज के ही 5 अन्य प्रोफेसरों को कुछ महीने पहले 65 साल उम्र पूरी हो जाने के बाद रिटायर किया गया। पीडि़त प्रोफेसरों का कहना है कि शासन ने ही रिटायरमेंट की आयु 65 साल तय की है, जिसे मैनेजमेंट से नहीं माना। जबरन रिटायरमेंट होने पर प्रोफेसरों ने आरोप लगाया है कि संस्थान को निजी हाथों में लेकर लाभ कमाने की तैयारी चल रही है, इसलिए अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों को रास्ते से हटाया जा रहा है।
शासन ने मिलता है वेतन मैनेजमेंट कुछ नहीं
उक्त प्रोफेसरों ने कहा, उनका वेतन अनुदान प्राप्त प्रोफेसर होने के नाते यूजीसी के निर्देश से राज्य सरकार वहन करता है। कॉलेज मैनेजमेंट सिर्फ सीपीएफ में ही कंट्रीब्यूशन देता है। इसके अलावा अनुदान प्राप्त शिक्षकों के लिए मैनेजमेंट के कोई और दायित्व नहीं है। प्रोफेसरों ने बताया कि पूर्व में भी जो प्रोफेसर 65 साल में रिटायर किए गए हैं। लेकिन अब अचानक से कॉलेज ने अपनी धांधली शुरू कर दी। खास बात ये भी है कि जिन प्रोफेसरों को मैनेजमेंट 60 वर्ष में रिटायर करने की बात कह रहा है कि उनमें से अधिकतर तो पहले ही 62 साल के हो चुके हैं।
प्रोफेसर संघ ने कहा 65 वर्ष में होता है रिटायरमेंट
सुरेंद्र गुप्ता, सचिव, भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट ने इस मामले में कहा कि हमारे पास जो आदेश है उसमें इन प्रोफेसरों को 60 साल में ही रिटायर करने का उल्लेख है। कहीं न कहीं गलती हुई है। यदि प्रोफेसर अपनी ओर से सही हैं तो इसका आदेश पेश करें। डॉ. अजय शर्मा, प्रांताध्यक्ष छग राज्य अनुदान प्राप्त प्रोफेसर संघ ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन ने जब छठवां वेतन मान देने का निर्णय लिया तब अनुदान प्राप्त प्रोफेसरों की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 साल कर दिया गया। उसी आधार पर सभी महाविद्यालयों में 65 साल में रिटायरमेंट हुआ।
यूजीसी ने किया है आदेश में बदलाव
पीडि़त प्रोफेसरों का कहना है कि पूर्व में यूजीसी ने आदेश में बदलाव किए हैं। राज्य शासन ने भी इसे मानते हुए रिटायर करने की आयु 65 वर्ष की है। भिलाई के कल्याण कॉलेज में भी जो अनुदान प्राप्त प्रोफेसर कार्यरत थे, उनको भी 65 वर्ष की आयु में ही रिटायर किया गया। यूजीसी और शासन ने सभी अनुदान प्राप्त कॉलेजों के लिए एक जैसे नियम तय किए हैं, लेकिन भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट इसे दरकिनार कर रहा है। पीडि़त प्रोफेसरों का कहना है कि कुछ दिन पहले ही एक अन्य प्रोफेसर को रिटायर किया गया, जो 64 साल की आयु में पढ़ा रही थी। कुल मिलाकर, मैनेजमेंट ने मामले में उझलाव पैदा कर दिया है। प्रोफेसर जल्द ही जरूरी कागजात दिखाने की बात कह रहे हैं।
ये प्रोफेसर 65 साल में हुए रिटायर
डॉ. जेहरा हसन।
डॉ. सुषमा मेने।
डॉ. चंद्रप्रभा हांडा।
डॉ. सुधा अग्रवाल।
डॉ. मंजू अग्रवाल।

और इनके लिए बदल गया आदेश
डॉ. सुनीता जी राव – 62 वर्ष।
डॉ. स्वर्णलता वर्मा – 62 वर्ष।
डॉ. संध्या मदन मोहन 61 वर्ष।
डॉ. नीशा शुक्ला – 60 वर्ष।
डॉ. ज्योति बाला चौबे 60 वर्ष।
डॉ. मधुलिका श्रीवास्तव – 60 वर्ष।
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