सलेक्टिव कूलिंग तकनीक से तैयार होगा रेलपांत भारतीय रेलवे की भविष्य में बढ़ती मांग और एक्सल लोड के कारण हैड हार्डनिंग रेल की अधिक आवश्यकता होगी। इस प्रक्रिया में सलेक्टिव कूलिंग तकनीक से रेलपांत की अन्य गुणधर्म को बदलते हुए भार वहन करने की क्षमता में भारी इजाफा हो जाता है। साथ ही ट्रेनों की गति को तुरंत बढ़ाने और तुरंत ही ब्रेक लगाने में बिना क्षति के मददगार साबित होगी। इस तकनीक से बनने वाली रेलपांत माल परिवहन और यातायात दोनों में समान रूप से उपयोग में आ सकती है।
भारतीय रेलवे को भी चाहिए कठोर सतह वाली विशेष रेलपांत भारतीय रेलवे को आने वाले वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों पर मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए करीब 5 लाख टन कठोर सतह वाली रेलपांत की जरूरत है। इसी तरह से पांच साल में करीब 10 लाख टन की जरूरत है। इसके लिए होने वाले टेंडर में हिस्सा लेने के लिए जिन शर्तों का उल्लेख है, उसे पूरा करने सेल की यूनिट बीएसपी के पास यह सुविधा मौजूद नहीं थी। इसे अब हांसिल करने ठोस पहल की जा रही है।
मॉडेक्स पैकेज का हिस्सा संयंत्र के यूआरएम की उत्पादन सुविधा में शामिल हैड हार्डनिंग एक सुविधा मॉडेक्स पैकेज 47 का अंग है। वर्तमान में मेट्रो रेल में उपयोग होने वाली हैड हार्डनिंग रेलपांत के उत्पादन की ऑन लाइन प्रक्रिया से होगी। बीएसपी में हैड हार्डनिंग सुविधा शुरू करने के मौके पर सीईओ के अलावा कार्यपालक निदेशक (वक्र्स) पीके दाश, कार्यपालक निदेशक (वित्त व लेखा) बीपी नायक, कार्यपालक निदेशक (खदान) मानस बिस्वास, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक व प्रशासन) केके सिंह, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) एसके बसर मौजूद थे।
जापान के रेलपांत का कर रहे उपयोग इस वक्त हैड हार्डनिंग रेल पॉत मुख्य रूप से मैट्रो रेल में उपयोग की जा रही है। वर्तमान में हर साल 30 से 40,000 टन इस रेल की डिमांड है। हैड हार्डनिंग रेल का उपयोग पश्चिम फ्रेड कॉरिडोर में किया जा रहा है। जहां जापान की रेल का उपयोग किया जा रहा है।
बीएसपी ने अब तक तैयार नहीं किया इस तरह की पटरी बीएसपी ने अब तक इस तरह की रेलपांत का निर्माण नहीं किया है। बीएसपी के पास इसका अनुभव भी नहीं है। हालाकि इस तरह के रेलपांत तैयार करना बीएसपी के लिए कोई चुनौती नहीं है, लेकिन अब तक उस तरह के रेलपांत तैयार नहीं किया गया है, इस वजह से कठोर सतह वाले रेलपांत के सप्लाई के अनुभव के मामले में बीएसपी अभी पीछे है।
जेएसपीसीएल को अनुभव जर्मनी की कंपनी एसएमएस-मीर ने जेएसपीसीएल, रायगढ़ में हेड हार्डएण्ड का प्लांट लगाया है। जेएसपीसीएल ने कठोर सतह वाले रेलपांत तैयार किए हैं। ईरान से मिले आर्डर को उसने पूरा किया। इसके बाद वह ग्लोबल टेंडर में भी दूसरे संयंत्रों को चुनौती देगा।