पुलिस की गलतियों के कारण सुनवाई स्थगित करनी पड़ी विशेष न्यायालय में चल रही सुनवाई को पुलिस की गलतियों के कारण स्थगित करनी पड़ी। न्यायाधीश ने यह कहते सुनवाई कार्यवाही शुक्रवार को शुरू करने का निर्देश दिया कि टीआई भावेश साव की उपस्थिति में आर्टिकल (जब्त हथियार व अन्य सामानों के पैकेट) को खोला जाएगा। न्यायाधीश ने फोरेसिंक लैब से आए एक्सपर्ट टीएल चंद्रा को दोबारा शुक्रवार को उपस्थित रहने का निर्देश दिया। गवाह के रुप में उपस्थित चंद्रा ने न्यायालय को बताया कि वे घटना की सूचना मिलते ही दुर्ग पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही पुलिस द्वारा जब्त कारतूस व हथियार को देखा था। बाद में पुलिस के पत्र को आधार बनाकर जब्त कारतूस व हथियार का परीक्षण कर पुलिस को लौटाया था। एक्सपर्ट का कहना था कि वह जिस हथियार व कारतूस का परीक्षण किया है उसे पहचान लेगा। प्रमाणित कराने के लिए न्यायाधीश ने प्रक्रिया के तहत पैकेट खोलने का निर्देश दिया था, लेकिन पैकेट में कारतूस की चगह खून लगा काटन निकलने से न्यायाधीश ने कार्यवाही बीच में ही रोक दी।
नहीं हुआ समंस तामिल
इस प्रकरण में गुरुवार को फोरेंसिक लैब के एक्सपर्ट टीएल चंद्रा और मृतक रावलमल व सूरजी देवी जैन की बहू संतोष जैन की गवाही होनी थी। जानकारी के मुताबिक न्यायालय में केवल फोरेंसिक एक्सपर्ट ही पहुंचे। संतोष जैन का वारंट पुलिस तामिल ही नहीं करा पाई। शासन की ओर से इस प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा कर रहे है। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता तारेन्द्र जैन है।
आज इनकी गवाही रोहित देशमुख- रोहित देशमुख रावलमल जैन का घरेलू नौकर है। वह परिवार के सदस्य की तरह रहता था। रोहित को पुलिस ने महत्वपूर्ण गवाह के रुप में प्रस्तुत किया है। हालाकि घटना के समय वह घर पर नहीं था।
सौरभ गोलछा- सौरभ आरोपी संदीप जैन का भांजा है। सौरभ ने ही घटना का खुलासा किया। वह जब गंजपारा पहुंचा तो उसके नाना रावलमल जैन औंधे मुह जमीन पर मृत पड़े थे। वही नानी दीवान पर पड़ी थी।