मुख्य परीक्षा में वीक्षक की जिम्मेदारी सरकारी स्कूलों के शिक्षाकमियों को भी मिलेगी। विवि ने अभी परीक्षा केंद्रों के लिए छात्र संख्या का आवंटन नहीं किया है, लेकिन बताया जाता है कि छात्रों की संख्या मिलते ही कॉलेज स्कूलों से संपर्क करेंगे। @Patrika पूर्व वर्ष की तरह विवि संभाग के जिला शिक्षा अधिकारियों से पत्राचार कर वीक्षक उपलब्ध कराने कहेगा। विवि की मुख्य परीक्षा में पर्यवेक्षकों व वीक्षकों की कमी की वजह से यह स्थिति बनती है। हालांकि ऐसा हाल शासकीय के साथ निजी कॉलेजों में भी देखने को मिलता है।
हमारे परीक्षा केंद्रों में नियमित प्रोफेसरों की संख्या कम है। तीन पालियों में होने वाली परीक्षाओं के लिए एक कक्ष में दो वीक्षक चाहिए होते हैं। इस लिहाज कॉलेज के पास जितने नियमित प्रोफेसर्स हैं, उनसे व्यवस्था बनाए रखना मुश्किलों भरा है। @Patrika इसी तरह लंबे समय से प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो पाना भी शिक्षाकर्मी को बागडोर संभालने देने का एक कारण बनता है।
विवि की परीक्षा में वीक्षक के तौर पर तीन घंटे की परीक्षा के लिए ७५ रुपए दिए जाते हैं। यह नियम काफी सालों से चला आ रहा है। विवि के मुताबिक वीक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातकोत्तर मांगी जाती है। @Patrikaहालांकि कई कॉलेजों में यह नियम पूरी तरह से पालन में नहीं लिया जाता। सरकारी स्कूलों के शिक्षक नहीं मिलने पर कॉलेज वीक्षक के लिए निजी स्कूलों की ओर देखते हैं। पिछले कुछ वर्षों से स्कूली शिक्षकों को ही पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
डॉ. राजेश पांडेय, कुलसचिव ने बताया कि अभी केंद्रों को मुख्य परीक्षा के लिए छात्र संख्या आवंटित नहीं हुई है। जल्द ही कॉलेजों से बैठक व्यवस्था का विवरण लिया जाएगा। @Patrika दूरस्थ के कॉलेजों में केंद्र दूर-दूर होते हैं, इसलिए शासकीय स्कूलों को केंद्र बनाया जाता है। वीक्षकों के लिए व्यवस्था करने जिला शिक्षा अधिकारी से भी चर्चा की जाएगी।