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एचएमएस ने 2011 के सर्कुलर की प्रतियां जलाई

locationभिलाईPublished: Feb 02, 2019 11:58:06 pm

अब 3 माह बाद 2011 के सर्कुलर का आड़ लेकर स्व. उदय पांडे व अन्य तीन कर्मियों के आश्रितों को नौकरी के लिए भटकाया जा रहा है।

BHILAI

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भिलाई. बीएसपी के बोरिया गेट में शनिवार की सुबह एचएमएस ने गेट मीटिंग की। महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित 2011 में जारी सर्कुलर को काला कानून बताते हुए उसकी प्रतियां जलाई।
महासचिव ने कहा कि 9 अक्टूबर 2018 के गैस हादसे को सेल प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया। घटना के समय जन आक्रोश शांत करने के लिए इस्पात मंत्री, इस्पात राज्य मंत्री व सेल चेयरमेन ने तात्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के समक्ष सभी मृतकों के आश्रितों को मुआवजा व अनुकंपा नियुक्ति सहित सभी सुविधाएं देने की घोषणा की थी।
भटक रहे परिजन
अब 3 माह बाद 2011 के सर्कुलर का आड़ लेकर स्व. उदय पांडे व अन्य तीन कर्मियों के आश्रितों को नौकरी के लिए भटकाया जा रहा है। सेल चेयरमेन को पहले ही इस सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से निरस्त करके सभी परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति करनी थी। प्लांट के भीतर भीषण दुर्घटना में मृत्यु के बाद कोई भी ऐसा नियम जो आड़े आ रहा हो उसे सार्वजनिक करने के पहले निरस्त कर देना था।
पीएमओ को लिखा पत्र
एचएमएस ने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय इस्पात मंत्री, राज्य मंत्री, सेल चेयरमेन व प्रदेश के मुख्यमंत्री को कलक्टर के माध्यम से पत्र दिया है। 15 दिनों के भीतर उचित कदम नहीं उठाया जाएगा, तो कर्मचारियों के सहयोग से धरना व हड़ताल किया जाएगा।
अनुकंपा में यह नियम आ रहा आड़े
– किसी कर्मचारी की पत्नी मैट्रिक पास नहीं है तो उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी, यदि अनुकंपा नियुक्ति लेनी है तो अगले दो वित्तीय वर्ष के भीतर मैट्रिक पास करना अनिवार्य है।
– अगर किसी कर्मचारी के पुत्र की उम्र 15 वर्ष है तो उसे 3 वर्ष बाद अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकती सिर्फ 2 वित्तीय वर्ष तक इंतजार किया जा सकता है उसके बाद अनुकंपा नियुक्ति स्वयमेव निरस्त हो जाएगी।
– अगर कर्मचारी की पत्नी की उम्र 35 वर्ष से ज्यादा है तो उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जाएगी।
– अगर कर्मचारी अविवाहित है तो उसके परिवार के सदस्य को नौकरी नहीं मिल सकती, क्योंकि इस सर्कुलर में परिवार का मतलब पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री है।
– अगर किसी कर्मचारी के पति, पत्नी, पुत्रों और पुत्रियों मेंं कोई भी कहीं भी सरकारी नौकरी, सार्वजनिक उपक्रम में नौकरी कर रहा है तो उसके परिवार के अन्य सदस्यों में से किसी को भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलेगी।
– इस प्रकार का नियम बनाना अनुकंपा नियुक्ति को पूरी तरह रोकने के समान हैं।

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