प्रबंधन सिर्फ अपने कॢमयों पर ही चलाता है जोर यूनियन ने कहा कि संयंत्र प्रबंधन ने हमेशा शासन-प्रशासन की हमेशा सुनता है। यही कारण है कि टाउनशिप में ठेले खोमचे वालों की बाढ़ सी आ गई है। प्रबंधन भी उन्हें लाइसेंस पर आवास देने के लिए आदेश निकाल रखा है। प्रबंधन का जोर सिर्फ अपने कर्मचारियों पर ही चलता है।
बढ़ रहा शासन का हस्ताक्षेप यूनियन ने कहा कि निगम के माध्यम से टाउनशिप में शासन का हस्तक्षेप बढ़ते ही जा रहा है। यह एक चिंता का विषय है, भिलाई को स्टील सिटी का दर्जा नहीं मिला तो पूरे टाउनशिप में निगम का कब्जा हो जाएगा। टाउनशिप पर पूरा अधिकार संयंत्र के कर्मचारियों का है। प्रबंधन को उन थर्ड पार्टी अलॉटी जो प्राइवेट स्कूल, कॉलेज व सरकारी कर्मचारी जो यहां पदस्थ नहीं है, उनसे आवासों को खाली करवाकर अपने कर्मचारियों को आवंटित करे।
लगातार मौत से सुरक्षा पर उठ रहे सवाल कार्यवाहक अध्यक्ष प्रेम सिंह चंदेल ने कहा कि 3 दिन में तीन लगातार फेटल एक्सीडेंट होना संयंत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। बीएसपी ने जो सुरक्षा समिति बनाई है। वह एक मात्र खानापूर्ति दिखता है। तीनों दुर्घटनाओं पर यूनियन ने जांच पड़ताल की है। सुपरवाइजर कैडर का ना होना एक मुख्य कारण दिखता है। बिना सुपरवाइजर के कार्य करने से कार्यस्थल पर श्रमिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है। यह प्रबंधन को तय करना चाहिए।
तीन साल में मिले प्रमोशन महासचिव प्रमोद मिश्रा ने कहा कि जिन श्रमिकों का तबादला प्रोजेक्ट में किए हैं। उन्हें हर 3 साल में प्रमोशन दिया जाए। इसके साथ एक एडिशनल इंक्रीमेंट प्रबंधन दे।