इधर बढ़ रहा रेलपांत आपूर्ति का दबाव बीएसपी प्रबंधन पर भारतीय रेलवे से रेलपांत के उत्पादन को बढ़ाने का दबाव बना हुआ है। प्रबंधन इस वजह से उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश में जुटा है। हॉट मेटल का उत्पादन घटने की वजह से यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) को पर्याप्त ब्लूम नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से रेलपांत का उत्पादन क्षमता के मुताबिक नहीं किया जा रहा है।
चल रहा ब्रिक्स की लाइनिंग का काम ब्लास्ट फर्नेस-1 का मरम्मत करने के दौरान नए ब्रिक्स की लाइनिंग का का किया जा रहा है। खराब ब्रिक्स को बदला जा रहा है। कैपिटल रिपेयर के दौरान टीम हर्थ जोन का भी रिपेयर कर रही है। डैमेज हो चुकी सेल प्लेट की मरम्मत की गई है। इसमें मौजूद उन कूलर्स को बदला गया, जो खराब हो चुके थे।
२५० कूलर्स लगे हैं ब्लास्ट फर्नेस-1 में बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस-1 में करीब २५० कूलर्स लगे हुए हैं। इसमें से बहुत से कूलर्स जल गए, जिनको बदला गया है। इसी तरह से फर्नेस में लगे १८ ट्युर हैं। रूटीन के तहत जो खराब हो चुके हैं, उनको बदला गया है।
ब्लास्ट फर्नेस का उत्पादन सप्ताहभर में होगा सामान्य बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस-८ में अब ४ ट्युअर्स और बदला जाना है। इसके अलावा ब्लास्ट फर्नेस-5 व 6 की दिक्कत भी जल्द दूर होने की उम्मीद है।प्रबंधन को उम्मीद है कि सप्ताहभर में उत्पादन सामान्य हो जाएगा। जीएम स्तर के अधिकारी तीनों शिफ्ट में इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बीएसपी सीईओ एम रवि हर दिन सुबह ९ से १० बजे के मध्य ब्लास्ट फर्नेस पहुंचकर वहां चल रहे काम का जायजा लेते हैं। इसके बाद ही वे इस्पात भवन जाते हैं। ईडी वक्र्स भी दिन में एक से दो बार ब्लास्ट फर्नेस के मरम्मत कार्य को देखने जा रहे हैं। कैपिटल रिपेयर का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए श्रमिक और अधिकारी जुटे हैं।