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Chhattisgarh human Story:: बीए अंतिम वर्ष की परीक्षा दे रहीं हैं 11 साल की वंदना, पढि़ए पूरी खबर

locationभिलाईPublished: Mar 10, 2018 11:55:21 pm

दुर्ग विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा के पहले दिन शनिवार को बुलंद हौसले और नि:स्वार्थ सेवाभाव की दो अद्भुत कहानियां सामने आई।

Durg university
भिलाई . दुर्ग विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा के पहले दिन शनिवार को बुलंद हौसले और नि:स्वार्थ सेवाभाव की दो अद्भुत कहानियां सामने आई। पहली कहानी 11 साल की उस बच्ची की है, जिसने अपने हाथ में नेकी की कलम थामी। कोरे कागज पर लिखे जाने वाले अक्षर तो इस मासूम के थे, लेकिन शब्द किसी और के। दूसरी कहानी हिम्मत की ऐसी मिसाल पेश करती है, जिससे जिदंगी में हार नहीं मानने की सीख मिलती है। हर हाल में खुश रहने का इरादा मजबूत होता है। ये दो कहानियां दिनेश, अनिता, वंदना और लक्ष्मी की हैं, जो आपको जीवन जीने का एक नया तरीका जरूर सीखाएंगी।
तुम कहो मैं लिखते चली जाऊंगी
उम्र महज ११ साल पर किसी की मदद करने मैं बड़ी हो चुकी हूं। मेरा ये इरादा आज का नहीं बल्कि तीन बरस पुराना है। ये शब्द कक्षा ६वीं में पढऩे वाली रिसाली नगर निवासी मासूम सी वंदना के हैं, जो अपनी नेत्रहीन पड़ोसी अनिता चौधरी के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं। वंदना दुर्ग विवि की परीक्षा में अनिता की राइटर का काम करेंगी। यानि शब्द तो अनिता के होंगे, लेकिन कागज पर वंदना अक्षर उकेरेंगी। नेकी की कलम थामे इस मासूम ने पहले दिन की परीक्षा में अनिता का बखूबी साथ दिया है। परीक्षा कक्ष के बाहर लगाए गए मेज पर बैठी वंदना ने नेत्रहीन अनिता के कहे हर शब्द को उत्तर की शक्ल में पिरोया है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि वंदना कक्षा चौथीं से अनिता के लिए राइटर की जिम्मेदारी निभा रही हैं। बीए के प्रथम वर्ष से शुरू हुआ यह सिलसिला अब अंतिम वर्ष तक का सफर तय कर चुका है। अद्भुत दोस्ती और अपनेपन की यह जोड़ी बीए ग्रेजुएट होने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन तक सफर शुरू करने का इरादा भी कर चुकी हैं। अनिता के पति बीएसपी कर्मी हैं।
Durg university
…और मिल ही गया मेरा फरिश्ता

खुर्सीपार में रहने वाले दिनेश देख नहीं सकते, लेकिन उनके हौसले कहते हैं आगे बढ़े चल। दुर्ग विवि की परीक्षा के पहले दिन दिनेश ने बीए अंतिम वर्ष का पहला पर्चा हल कर लिया है। हिंदी के उत्तर उनके लिए १२वीं में पढऩे वाली छात्रा लक्ष्मी ने लिखे हैं। पूरा परिवार पढ़ा-लिखा है, लेकिन परीक्षा के ठीक एक दिन पहले ऐसी बेबसी इस दिव्यांग ने देखी है, जिसे जानकर हर किसी के आंसू निकल जाए। दिनेश का राइटर बनने जान-पहचान की लक्ष्मी ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया। परीक्षा के दिन यह दिव्यांग अपनी राइटर के साथ सेंट थॉमस कॉलेज पहुंचा। अलग कमरे में बैठा नेत्रहीन दिनेश राइटर लक्ष्मी को उत्तर लिखाता रहा। दरवाजे पर खड़ी मां अपने लाडले को उत्तर बताता देखकर कभी मुस्कुरा उठती होती तो कभी समय पर राइटर मिल जाने की खुशी में आंखें छलक उठती। परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा लेट पहुंचे दिनेश को विवि ने पर्चा हल करने अतिरिक्त समय भी दिया, जिससे लक्ष्मी अधिक देर तक उत्तर लिख पाई।
63 केंद्रों में हुई परीक्षा
दुर्ग विश्वविद्यालय की परीक्षा की शुरुआत हो चुकी है, जो २५ अप्रेल तक चलेंगी। पहले दिन बीए, बीकॉम और बीएससी के विद्यार्थियों ने आधार पाठ्यक्रम हिंदी के साथ विभिन्न परीक्षाएं हुई है। तीनों वर्षों को मिलाकर दुर्ग विवि की परीक्षाओं में करीब सवा लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा के पहले दिन प्रभारी कुलपति डॉ. ओपी गुप्ता ने जिले के करीब २० परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। इसी तरह रजिस्ट्रार सहित अन्य आला अधिकारी भी विवि में मौजूद रहकर व्यवस्थाएं संभालते रहे। सेंट थॉमस कॉलेज में बीसीए के एक छात्र के पास से हस्तलिखित नकल सामाग्री मिली। विवि उडऩदस्ता ने इसे पकड़ा, नकल प्रकरण बनाया गया।
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