उम्र महज ११ साल पर किसी की मदद करने मैं बड़ी हो चुकी हूं। मेरा ये इरादा आज का नहीं बल्कि तीन बरस पुराना है। ये शब्द कक्षा ६वीं में पढऩे वाली रिसाली नगर निवासी मासूम सी वंदना के हैं, जो अपनी नेत्रहीन पड़ोसी अनिता चौधरी के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं। वंदना दुर्ग विवि की परीक्षा में अनिता की राइटर का काम करेंगी। यानि शब्द तो अनिता के होंगे, लेकिन कागज पर वंदना अक्षर उकेरेंगी। नेकी की कलम थामे इस मासूम ने पहले दिन की परीक्षा में अनिता का बखूबी साथ दिया है। परीक्षा कक्ष के बाहर लगाए गए मेज पर बैठी वंदना ने नेत्रहीन अनिता के कहे हर शब्द को उत्तर की शक्ल में पिरोया है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि वंदना कक्षा चौथीं से अनिता के लिए राइटर की जिम्मेदारी निभा रही हैं। बीए के प्रथम वर्ष से शुरू हुआ यह सिलसिला अब अंतिम वर्ष तक का सफर तय कर चुका है। अद्भुत दोस्ती और अपनेपन की यह जोड़ी बीए ग्रेजुएट होने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन तक सफर शुरू करने का इरादा भी कर चुकी हैं। अनिता के पति बीएसपी कर्मी हैं।
दुर्ग विश्वविद्यालय की परीक्षा की शुरुआत हो चुकी है, जो २५ अप्रेल तक चलेंगी। पहले दिन बीए, बीकॉम और बीएससी के विद्यार्थियों ने आधार पाठ्यक्रम हिंदी के साथ विभिन्न परीक्षाएं हुई है। तीनों वर्षों को मिलाकर दुर्ग विवि की परीक्षाओं में करीब सवा लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा के पहले दिन प्रभारी कुलपति डॉ. ओपी गुप्ता ने जिले के करीब २० परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। इसी तरह रजिस्ट्रार सहित अन्य आला अधिकारी भी विवि में मौजूद रहकर व्यवस्थाएं संभालते रहे। सेंट थॉमस कॉलेज में बीसीए के एक छात्र के पास से हस्तलिखित नकल सामाग्री मिली। विवि उडऩदस्ता ने इसे पकड़ा, नकल प्रकरण बनाया गया।