मोबाइल पर तलाक देकर पति ने कर ली दूसरी शादी, ससुर ने रख दी हलाला की शर्त
तीन तलाक पर पूरे देश में बहस चल रही है। वहीं शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सुनवाई में ऐसा ही मामला सामने आया। पीडि़त महिला ने आयोग को जानकारी दी कि उसके सुसर ने हलाला की शर्त रख दी है।

दुर्ग@Patrika. तीन तलाक पर पूरे देश में बहस चल रही है। वहीं शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सुनवाई (State Women Commission Hearing) में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा (CG State Minister Anila bhedia) और आयोग की सदस्य ममता साहू के सामने भी ऐसा ही मामला सामने आया। (CG Patrika news) पीडि़त महिला ने आयोग को जानकारी दी कि उसके सुसर ने हलाला की शर्त रख दी है। इसके बाद ही उसे घर में रखने की बात कही जा रही है। (divorce on mobile)
महिला की शिकायत पर पुलिस ने दहेज प्रताडऩा का प्रकरण दर्ज किया
इस गंभीर विषय पर राज्य महिला आयोग ने पीडि़ता को दोषियों के खिलाफ न्यायालय जाने की सलाह दी है। पीडि़त महिला ने आयोग को जानकारी दी कि उसके पति ने (Husband gave divorce on mobile) मोबाइल पर तीन तलाक बोलकर दूसरी शादी कर ली है। वह अपने पति के साथ रहना चाहती है, लेकिन उसके ससुर ने मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार हलाला के बाद ही रखने की शर्त रख दी है। महिला ने कहा है कि इसके लिए आयोग के समक्ष वह प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकती, लेकिन यह सत्य है। हालांकि महिला की शिकायत पर पुलिस ने दहेज प्रताडऩा का प्रकरण दर्ज किया है। इस गंभीर विषय पर आयोग ने कहा कि जुबान से तीन तलाक कह देने पर तलाक नहीं हो सकता। इस मामले में न्यायालय फैसला करेगा। आयोग ने इस प्रकरण पर पीडि़त महिला को न्यायालय जाने की सलाह दी है।
8 प्रकरणों की फाइल बंद
सुनवाई को लिए 25 प्रकरण रखे गए थे। जिसमें 19 प्रकरणों में दोनों पक्ष के लोग हाजिर थे। इन्ही प्रकरणों में से 8 प्रकरणों को निराकृत कर फाइल बंद किया गया। अन्य प्रकरणों में संबंधित विभाग से जानकारी आने के बाद अगली बार सुनवाई की जाएगी। दो प्रकरणों पर तत्काल एसपी को एफआइआर करने के लिए पत्र लिखा गया।
पात्र होने के बाद भी भर्ती नहीं
लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग में वाहन चालक की भर्ती प्रक्रिया की फाइल फिर से खुलेगी। एकमात्र महिला अभ्यर्थी ने चयन प्रक्रिया को चुनौती देते आयोग के समक्ष न्याय की गुहार लगाई है। जिस पर महिला आयोग ने भर्ती प्रक्रिया की फाइल को दोबारा ओपन कर प्रकरण का निराकरण करने कहा है।
पहले लगाई फटकार फिर न्यायालय के आंतरिक समिति से मांगी जानकारी
जिला न्यायालय की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने न्यायालयीन अधिकारी पर मानसिक तौर पर परेशान करने और अश्लीलता की हदें पार करने के मामले में आवेदन पेश किया है। पीडि़त महिला ने आवेदन का निराकरण नहीं करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत भी की है। जिस पर राज्य आयोग ने पहले पीडि़त महिला को जमकर फटकारा। इसके बाद प्रकरण की सुनवाई की। महिला ने जानकारी दी है कि उसने हाईकोर्ट में भी शिकायत की है। उसे न्याय नहीं मिला है। आयोग ने महिला का बयान दर्ज करने के बाद जिला न्यायालय की आंतरिक समिति को पत्र लिखकर अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
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