एक पैरेंट्स ने सवाल किया, सर… विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट को लेकर क्या किया जा रहा है? इस पर डायरेक्टर ने कहा कि प्लेसमेंट के लिए फैकल्टी को जिम्मा दिया जा चुका है। इस साल एमटेक का एक बैच पासआउट होगा। कैम्पस प्लेसमेंट की शुरुआत इसी बैच के साथ होगी। पहले बैच को बेहतर कंपनियां हायर करे इसके लिए भी पूरी तैयारी की जाएगी।
शाम 7 बजे तक 117 के प्रवेश पक्के हुए
इस साल हमारे शीर्ष संस्थान में 19 छात्रा और 106 छात्रों को सीटें अलॉट हुई हैं। यह संख्या छात्राओं के लिए आरक्षित सुपर न्यूमेरी की 6 सीटों में से 5 अलॉटमेंट को मिलाकर है। इस तरह नए बैच के १२५ विद्यार्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करेंगे। ओरिएंटेशन के दौरान शाम ७ बजे तक ११७ ने प्रवेश लिया।
आइआइटी प्रशासन के मुताबिक अलॉटेड सभी सीटों पर प्रवेश होंगे। कुछ विद्यार्थी ओरिएंटेशन में नहीं पहुंचे हैं, वे भी आएंगे। बता दें कि फिलहाल आइआइटी की कक्षाएं रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में संचालित की जा रही है। आईआईटी ने विद्यार्थियों की सुविधा के मद्देनजर रायपुर रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क लगाए।
यहां एक सुरक्षा गार्ड के साथ दो-तीन सीनियर छात्रों को नियुक्त किया गया। हर चार घंटों में सीनियर छात्र बदले गए। ऐसे ही प्वाइंट पंडरी बस स्टैंड और तेलीबांधा मरीन ड्राइव में भी बने। आईआईटी प्रशासन ने यह बेहतर काम किया। इसका नतीजा यह हुआ कि कोई भी छात्र सेजबहार आइआइटी कैंपस तक पहुंचने में कन्फ्यूज नहीं हुआ।
रजिस्टे्रशन
बसों व अपनी सुविधा से विद्यार्थी अपने पैरेंट्स के साथ सुबह से ही पहुंचने लगे। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें हॉस्टल के रूम अलॉट कर दिए गए। सुबह में सामान रखने के बाद पैरेंट्स और बच्चों के लिए लंच की व्यवस्था थी। आइआइटी प्रशासन ने ओरिएंटेशन प्रोग्राम को व्यवस्थित ढंग से कराया। किसी भी पैरेंट्स को दिक्कत नहीं हुई।
पैरेंट्स के भोजन की व्यवस्था से लेकर उन्हें पिक और ड्राप का अच्छा इंतजाम देखकर सभी ने अधिकारियों व कर्मचारियों की तारीफ की। आआइटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. रजम मूना ने बताया कि नए बैच का ओरिएंटेशन बेहतर रहा। किसी भी पैरेंट्स को कोई दिक्कत नहीं हुई। हमने स्टूडेंटस को बेहतर प्लेसमेंट देने का कमीटमेंट किया है। इसके लिए प्रोफेसर को जिम्मेदारी दी जा चुकी है। स्टूडेंट्स की पढ़ाई और सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
साइकिल खरीदने का भी विकल्प
अब इन होनहारों को हॉस्टल में ही रहना होगा। इसलिए आइआइटी प्रशासन ने उन्हें जरूरत का सामान मुहैया कराने लोकल वेंडर के जरिए सुविधा दी। यहां विद्यार्थियों ने बेडशीट, साबुन, गद्दों जैसे कई सामान खरीदे। कैम्पस में घुमने के लिए साइकिल खरीदने का विकल्प भी दिया गया।
बच्चों को सुविधा देने के लिए आईआईटी प्रशासन ने परिसर में स्टॉल लगवाए। बच्चों ने यहां से नया सिमकार्ड खरीदा साथ ही बैंकों के स्टॉल पर पूछपरख करने के बाद अपने नाम का नया खाता भी खुलवाया। इंट्रेस्ट फ्री लोन को लेकर भी पूछताछ की।
पोर्टाकेबिन से पैरेंट्स परेशान
नए बैच के लिए हॉस्टल के रूप में पोर्टाकेबिन दिया गया है। इसमें १२५ विद्यार्थी रहेंगे। हालांकि कुछ पैरेंट्स पोर्टाकेबिन की इस व्यवस्था से नाखुश भी दिखे। सबको यही डर सता रहा था कि तेज बारिश में यह बच्चों के लिए कैसे सुरक्षित रहेगा।