6 अप्रेल से लॉकडाउन की वजह से जिले की सभी सीमाएं सील की गई है। बाहर से आने वालों पर पुलिस की नजर है। तस्करों नें पुलिस ने बचने पगडंडी का सहारा लिया। इसमें भी पुलिस ने कई तस्करों को पकड़ा। इसके बाद शराब तस्करों ने पैतरा बदलते हुए दूसरा रास्ता चुना। नेशनल हाइवे के रास्ते महाराष्ट्र की शराब खपाने लगे। फल, सब्जी गाडिय़ों में ढोना शुरु किया। रैकेट के बीच में शराब की पेटी छुपाकर शराब की तस्करी की।
इस लॉकडाउन में सरकारी दुकान पूरी तरह से बंद हो गई। शराब तस्करी से जुड़े लोग पूरी तरह से सक्रिय होकर शराब की तस्करी में जुट गए। शराब प्रेमियों को 60 रुपए की शराब को 600 रुपए में खरीदना पड़ा। वहीं 700 रुपए की बॉटल को 3 हजार में खरीदकर अपनी प्यास बुझाई है।
लॉकडाउन के बीच पुलिस ने लोकल शराब गोवा ब्रांड को भी पकड़ा है। यह शराब जिले की दो डिस्लरी की बताई जा रही है। जबकि डिस्लरी में आबकारी विभाग के अधिकारी की तैनाती रहती है। दुर्ग एसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने बताया कि लॉकाडाउन के दौरान अवैध शराब तस्करी की सूचनाएं मिली। शराब कोचियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की गई। पुलिस कार्रवाई की डर से कई कोचिए अंडरग्राउंड हो गए है। कई ऐसे है जो फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। यह कार्रवाई लगातार अभी जारी रहेगी।