सुपेला अस्पताल के मॉरच्यूरी में एक महिला और दो पुरुष डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम करने से पहले जामुल थाना प्रभारी धरम सिंह मंडावी ने तीनों शवों की निरीक्षण किया। उसके बाद परिजन को सौंप दिया। बेटी मीरा सिंह और नाती प्रत्युश के मुंह में सफेल रुमाल ठंूसा हुआ था। योगेन्द्र सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। मैं भी फोर्स से सेवानिवृत्त हूं। आत्महत्या करने वाला कभी मुंह में रूमाल ठूंसकर फांसी पर नहीं लटकेगा।
घटना के बाद रंजीत ने सबसे पहले एसीसी के डॉक्टर महेश द्विवेदी और एचआर हेड अनिल कुमार को बुलाया। दोनों घटना के दिन करीब 10.50 बजे घर पहुंच गए थे। इसके बाद रंजीत के मकान में गार्ड तैनात कर दिया। कॉलोनी में आने जाने वालों की चेकिंग भी तेज कर दी। कॉलोनी वालों के अलावा किसी को अंदर नहीं आने दिया जा रहा था। पुलिस को करीब 12 बजे घटना की सूचना दी गई। पुलिस डॉ. द्विवेदी और अनिल कुमार से भी पूछताछ करेगी। (Bhilai crime news)
पोस्टमार्टम करने से पहले जामुल थाना प्रभारी धरम सिंह मंडावी ने तीनों शवों की निरीक्षण किया। जिसमें मृतक महिला मीरा सिंह के पैर में चोट के निशान दिखे। चोट के ये निशान कुछ वैसा ही था जैसे मारपीट के बाद बनता है। महिला के गले में फांसी के फंदे के निशान के आलावा भी अलग तरह का निशान दिखा। उन्होंने उच्च अधिकारियों को दिखाने के लिए इसे बिंदुवार नोट किया।
एसीसी कॉलोनी के ऑफिसर्स क्वाटर काफी बड़े और स्पेशफुल बने हैं। यहां साइट से कोई भी आना जाना कर सकता है। यदि कोई चिल्लाता भी है तो पास पड़ोसियों को सुनाई नहीं देगा। कॉलोनी के एक व्यक्ति ने बताया कि यहां लोगों एक दूसरे से कोई मतलब नहीं होता। पूरा सन्नाटा पसरा रहता है।
पुलिस घर में काम करने वाली बाई और दूधवाले से भी पूछताछ करेगी। पुलिस यह पता लगाना चाहती है कि परिवार में माहौल कैसा था। पुलिस को काम करने वाली बाई से इस बारे में सही जानकारी मिलने की उम्मीद है। क्योंकि घरेलू काम करने वाली का वास्ता परिवार से सीधा रहता है। दूध वाले ने मीरा के घर का दरवाजा बंद होने की जानकारी कॉलोनी के गार्ड को दी थी।
बहू ने दो दिन पहले कहा था पति कहीं घुमाने नहीं ले जाता
रंजीत सिंह के पिता मनलाल सिंह (69 वर्ष) ने सीएसपी विश्वास चंद्राकर को बताया रविवार को बहु ने फोन किया था। कहा बाबूजी से बात करनी है। नाती ने बात कराई। तब बहु ने कहा कि बाबूजी एक बात कहूं…मेरी शादी को 12 साल बीत गए, लेकिन आपके बेटे ने भिलाई में कहीं घूमाया नहीं। तब उन्हें सांत्वना देते कहा था कि बेटी रंजीत से पूछता हूं। इस पर मीरा ने यह कहते हुए मना कर दिया कि पूछने पर वे गुस्सा हो जाएंगे।
बेटी से दो दिन पहले बात हुई, बताया कुछ नहीं
पिता योगेन्द्र सिंह (70 वर्ष) वायुसेना के रिटायर्ड हैं। पत्नी मां लालती सिंह (59 वर्ष) के साथ इलाहाबाद से सुबह 10 बजे पहुंचे। मीरा का भाई जीतेन्द्र सिंह बैंगलूरू से आया। सुपेला अस्पताल पहुंचे। पूछताछ में उन्होंने पुलिस को बताया कि बेटी मीरा ने दो दिन पहले उनसे मोबाइल पर बात की थी। तब उसने किसी प्रकार की कोई बात शेयर नहीं की। बातचीत सामान्य रही।
जब मीरा, प्रत्युश और सुप्रिया का शव पीएम के लिए ले जाने लगे तो पिता और भाई देखकर फफक पड़े। एक साथ तीन अर्थी देख योगेन्द्र ने पुलिस से हाथ जोड़ एक बार अंतिम मुलाकात करने की आग्रह किया। विवेचना अधिकारी मंडावी उन्हें लेकर मॉच्यूरी ले गए। जहांबेटी का शव देखकर पिता खुद को संभाल नहीं पाए। सीएसपी छावनी विश्वास चंद्राकर ने बताया कि मृतक महिला के माता व पिता से पूछताछ की गई। उन्होंने कहा है कि दामाद बेटी को घर पर ही रखता था। दोनों के बीच किसी तरह के विवाद के बारें में उन्होंने कुछ नहीं कहा है। पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। (Bhilai crime news)