50 को बुलाकर 10 को लौटाया
बीएसपी ने ई-मेल कर आईटीआई पास कर चुके 50 बच्चों को ज्वाइनिंग करने बुलाया। इसमें से 40 बच्चों को जॉइनिंग दी गई और शेष बच्चों को ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया गया। जिससे हंगामे की स्थिति बन गई। सूचना मिलते ही सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा , सचिव थलेश कुमार सिन्हा, शेख महमूद तथा कार्यकारिणी सदस्य एलएन अग्रवाल बीटीआई पहुंचे।
प्रबंधन से पुनर्विचार की मांग
सीटू नेताओं ने उच्च प्रबंधन से चर्चा करके इस विषय पर पुनर्विचार करने की मांग की। प्रबंधन ने 3 दिन के अंदर इस विषय पर निर्णय लेने की बात कहकर ज्वाइनिंग को स्थगित कर दिया है। सीटू नेता ने उम्मीद जताई है कि छात्रों को न्याय मिलेगा तथा जिन-जिन छात्रों को ज्वाइनिंग का लेटर भेजा है, उन 50 छात्रों को ज्वाइनिंग दिया जाएगा।
शासकीय व अशासकीय में न करें फर्क
सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा ने प्रबंधन से चर्चा किया, तो प्रबंधन ने बताया कि जिन छात्रों का शासकीय आईटीआई से पास हैं, उनको प्राथमिकता दी जा रही है। इस पर कार्यकारी अध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ऐसी स्थिति थी तो ज्वाइनिंग लेटर भेजने से पहले इस पर निर्णय ले लेना चाहिए था। जब 50 लोगों को ज्वाइनिंग का लेटर भेजा जा चुका है, तो उन सभी को ज्वाइनिंग दिया जाना चाहिए। शासकीय व अशासकीय वाला भेदभाव करके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना अनुचित है। इस मामले में प्रबंधन को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए सभी 50 छात्रों को अप्रेंटिसशिप के लिए ज्वाइनिंग देनी चाहिए, ताकि वे कल के लिए बेहतर कार्यकुशल तकनीशियन बन सके और संयंत्र तथा अन्य उद्योगों में अपनी कुशल सेवाएं देकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी दे सकें। इस पर प्रबंधन ने पुन: लिस्ट निकालने की बात कहते हुए सभी को लौटा दिया।
मार्च में भी हुआ था हंगामा
शासकीय आईटीआई में पढ़कर ७९.३७ फीसदी अंक लाने वाले प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रबंधन ने ४० फीसदी वाले छात्रों का चयन कर लिया है। और ७९ फीसदी वाले भटक रहे हैं। निजी आईटीआई वालों का चयन कर सरकारी आईटीआई वालों को समय से पहले आवेदन करने की बात कहते हुए बाहर किया जा रहा है। यह सही नहीं है।
ट्रेड — अप्रेंटिस
वेल्डर — 75 पद
इलेक्ट्रीशियन — 75 पद
फिटर — 60 पद
मशीन — 40 पद
टर्नर — 40 पद
सीओपीए — 30 पद