यहां आयकर विभाग के अधिकारी यह पुख्ता करेंगे कि बैंकों की ओर से कर्मचारियों का टीडीएस ठीक तरह से काटा जा रहा है या नहीं। कर्मचारियों का डाटा मौजूद है, जिससे मिलान करने के बाद यदि गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई निश्चित है। आयकर अधिकारी उषा शैलेश ने बताया कि सबसे अधिक राजस्व टीडीएस से ही आता है, इसलिए बैंकों की जांच भी होनी है। बैंकों में टीडीएस के साथ-साथ ब्याज से जुड़े मुद्दों पर भी कार्यक्रम में चर्चा होनी है।
-अक्टूबर में 60 कॉलेज और 12 स्कूलों को थमाया नोटिस, टीडीएस काटा पर जमा करना जरूरी नहीं समझा।
-नोटिस का जवाब सिर्फ 30 फीसदी ही संस्थानों ने दिया। रकम जमा करने वालों की स्थिति दिसंबर में साफ होगी।
– जिलेभर की शिक्षण संस्थाओं में टीडीएस न्यूनतम दो हजार रुपए लेकर 1 लाख रुपए तक बकाया है।
– टीडीएस काटने के बाद भी विभाग में जमा नहीं करने वालों पर कुल टैक्स का सौ फीसदी पैनाल्टी लगेगी
स्कूल टीडीएस में गोलमाल – 15
बैंक जिन्हें बुलाया जाएगा – 29
इन बैंकों की शाखाएं – 160
सबसे अधिक शाखाएं – एसबीआई नोटिस का जवाब नहीं भेजे जाएंग रिमाइंडर
आयकर विभाग का कहना है कि दुर्ग विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को नोटिस जारी किए हैं, जिन्होंने टीडीएस में गड़बड़ी की है, उन्हें 10 दिनों के भीतर रकम जमा करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कुछ संस्थानों को छोड़कर बाकियों से इसे हलके में लिया। फिलहाल इनको रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
विभाग को ऐसे भी मामले मिले हैं, जहां ठेकेदार को दी जाने वाली रकम बिना टीडीएस के भुगतान कर दी गई। विभाग ने इन पर जुर्माना लगाने की बात कही है। विभाग अपने डाटा से मिलान करेगा कि कितनों ने टीडीएस की रकम जमा कराई है। जिन्होंने नफरमानी की होगी, उस स्थिति में बड़ी कार्रवाई तय हो गई है।