आयकर विभाग पिछले कई महीनों से जिले में नजर जमाए बैठा है। कारोबारियों, स्कूल, कॉलेज, बैंक सहित ऐसे संस्था जहां कर्मचारियों का टीडीएस काटा जाता है, उनमें दबिश देकर जरूरी दस्तावेज तलब किए गए। विभाग ने पिछले कुछ महीनों में आधा सैकड़ा समूहों का सर्वे किया,जिसमें 24 में बड़े प्रकरण मिले। दो बड़े समूहों को छोड़कर शेष प्रकरणों में विभाग ने एक-एक लाख की डिमांड निकाली, इन संस्थानों में सर्वाधिक शिक्षा जगत से ताल्लुक रखते हैं। सर्वाधिक भिलाई से हैं।
विभाग लापरवाह, साजा बीईओ को नोटिस
निजी समूहों के साथ सरकारी विभागों में भी टीडीएस की रकम को लेकर लापरवाही मिली है। साजा, विकासखंड शिक्षा विभाग को टीडीएस में गड़बड़ी के लिए आयकर की टीडीएस विंग ने नोटिस जारी कर दिया है। यहां विभाग से अपने शिक्षाकर्मियों का टीडीएस ही नहीं काटा गया है। इसी तरह जिनका टीडीएस काटा गया,वह राशि सरकारी खजाने तक पहुंची ही नहीं।
विभाग ने दस्तावेजों के आधार पर पाया है कि साजा शिक्षा विभाग ने वर्तमान वर्ष की राशि तो जमा कराई है, लेकिन पिछले वर्षों का भुगतान नहीं हो पाया है। बीईओ ने परीक्षा के मूल्यांकन कार्यों और इलेक्शन ड्यूटी की वजह से दस्तावेज फिलहाल उपलब्ध करा पाने में असमर्थता दिखाई है। आयकर अधिकारी टीडीएस विंग उषा शैलेश ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में विभाग ने २४ संस्थानों में सर्वे किया। इनमें गड़बडिय़ां मिली है। अभी 1.50 करोड़ रुपए के करीब सरेंडर कराए गए हैं। कुछ मामलों में जांच चल रही है।
6 सर्वे के नतीजे आएंगे जल्द
विभाग ने कुल 31 संस्थानों का सर्वे किया है, 6 के नतीजे अगले 6 दिनों में यानि मार्च की समाप्त के साथ घोषित कर सकता है। बताया जा रहा है कि इन संस्थनों से विभाग फिलहाल सरेंडर कराई गई राशि के बराबर वसूल सकता है। इनमें विभाग को कई तरह की पेंच मिले हैं, इसी वजह से टीडीएस में अंतर का प्रकरण फिलहाल दस्तावेजों के सत्यापन के चलते देर हो रही है।
ऐसे समझें, टीडीएस में कब क्या हुआ स्कूलों की कराई बैठक – पिछले साल मार्च की शुरुआत में विभाग ने एक निजी स्कूल में दबिश दी, जिसमें टीडीएस की राशि जमा नहीं होने का मामला सामने आया था। स्कूल से 78 हजार रुपए की डिमांग वसूल की गई थी।
कॉलेजों के प्राचार्यों को बुलाया – कल्याण कॉलेज में विभाग ने हेमचंद विवि से सबंद्ध कॉलेजों के प्राचार्यो और मैनेजमेंट को बुलाकर कहा था कि उनके संस्थानों में यदि टीडीएस का अंतर मिला तो कार्रवाई तय है। इन संस्थानों से दस्तावेज तलब किए गए थे।
बैकों को बुलावा भेजा – सिविक सेंटर सीए शाखा में भी विभाग ने एक कार्यशाला कर जिले के तमाम बैंक कर्मियों को बुलाया। मैनेजर्स को बुलाकर समझाया कि टीडीएस के मामले में कटौती का सही क्रम अपनाए ताकि सरकार खजाने को नुकसान न झेलना पड़े।