script6 साल की मासूम से मुंहकाला करने वाला 62 साल का आरोपी मरते दम तक रहेगा जेल में | Innocent rape accused will remain in jail till death | Patrika News

6 साल की मासूम से मुंहकाला करने वाला 62 साल का आरोपी मरते दम तक रहेगा जेल में

locationभिलाईPublished: Feb 19, 2020 09:59:10 pm

6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के 6 साल पुराने मामले में फास्टट्रेक कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने 62 साल के बिसौहा साहू को दोषी ठहराया। उसे पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

6 साल की मासूम से मुंहकाला करने वाला 62 साल का आरोपी मरते दम तक रहेगा जेल में

6 साल की मासूम से मुंहकाला करने वाला 62 साल का आरोपी मरते दम तक रहेगा जेल में

दुर्ग@Patrika. नंदिनी थाना क्षेत्र में 6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के 6 साल पुराने मामले में फास्टट्रेक कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने 62 साल के बिसौहा साहू को दोषी ठहराया। उसे पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा को परिभाषित करते हुए कहा है कि दोषी को शेष जीवनकाल तक जेल में रहना होगा। दुष्कर्म के इस प्रकरण में न्यायालय ने आरोपी पर 10 हजार जुर्माना भी किया है।
घटना 19 मार्च दोपहर एक बजे की
प्रकरण के मुताबिक घटना 19 मार्च दोपहर एक बजे की है। बिसौहा ने आंगनबाड़ी जाने वाली 6 साल की मासूम को अपने गांव के परिचित के ब्यारा ले गया था। जहां पर मासूम के साथ दुष्कर्म किया। इस घटना की वजह से मासूम न केवल लंगड़ाकर चलने लगी थी, बल्कि उसके नाजुक अंग में चोट भी आई थी। जिसका खुलासा मेडिकल परीक्षण से हुआ। मामला थाना पहुंचते ही पुलिस ने अपराध दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया था।
आरोपी को किया गिरफ्तार
वर्तमान में आरोपी जमानत पर था। घटना के बाद वह 4 माह 22 दिन तक अभिरक्षा में रहा। इसके बाद न्यायालय ने उसे जमानत पर रिहा किया था।बुधवार को फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपी को वापस अभिरक्षा में लिया गया और उसे जेल भेजा गया।
चार दिन बाद खुलासा हुआ था मामला
घटना 19 मार्च को हुई थी, पर पुलिस ने 27 मार्च को अपराध दर्ज किया। पीडि़त मासूम की मां ने पुलिस को बताया कि 23 मार्च 2014 को गांव की ही एक नाबालिग ने उसे जानकारी दी थी कि बिसौहा ने उसकी बेटी को ब्यारा ले गया था। 15 मिनट बाद मासूम रोते हुए ब्यारा से निकली थी। इसके बाद महिला ने गांव में बैठक बुलाई। ग्रामीणों के बीच अपराध स्वीकार करने पर मासूम की मां ने नंदिनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीडि़त
परिवार को मिलेगी सहायता
न्यायाधीश ने 30 पेज के फैसले में कहा है कि इस घटना की क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती। बच्ची को पुनर्वास योजना के तहत क्षतिपूर्ति अवश्य मिलना चाहिए। न्यायाधीश ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा है कि शासन की योजना के तहत पीडि़ता को उचित मुआवजा दिलाया जाए।
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