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दो माह की जिस मासूम को मौत के बाद विभाग ने कोरोना पॉजिटिव बताया, कोविड डेथ लिस्ट से उसका नाम गायब

locationभिलाईPublished: Jul 20, 2021 11:58:33 pm

परिवार ने खड़े किए कई सवाल.

दो माह की जिस मासूम को मौत के बाद विभाग ने कोरोना पॉजिटिव बताया, कोविड डेथ लिस्ट से उसका नाम गायब

दो माह की जिस मासूम को मौत के बाद विभाग ने कोरोना पॉजिटिव बताया, कोविड डेथ लिस्ट से उसका नाम गायब

भिलाई. दो माह के मासूम रूही की मौत दुर्ग और रायपुर के तीन सरकारी अस्पतालों के मध्य दौडऩे के दौरान हो गई थी। कलेक्टर से शिकायत के बाद चिकित्सकों और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम गठित की गई। जांच टीम ने साफ किया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर की गलती के कारण कोरोना पॉजिटिव मासूम को नेगेटिव दर्ज कर दिया। इसके लिए उसे चेतावनी भी दी गई। जांच कमेटी से लेकर जिला अस्पताल के चिकित्सक जिस बच्ची को कोरोना संक्रमित बताते नहीं थक रहे थे, उस बच्ची का नाम कोविड डेथ लिस्ट में नहीं है। यह देखकर पीडि़त परिवार सवाल खड़े कर रहा है कि आखिर इस मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग क्या छुपा रहा है।

जांच कमेटी ने प्रतिवेदन में कोरोना की किया पुष्टी
पीडि़त परिवार की शिकायत पर जांच कमेटी ने बताया था कि जिला अस्पताल, दुर्ग में जब मासूम को लेकर आए उसके पहले ही बच्ची की तबीयत खराब थी। इस वजह से उसे शंकराचार्य और स्पर्श अस्पताल में उपचार करवाए थे। पूरी तरह ठीक नहीं होने पर उसे 25 अप्रैल 2021 को रात करीब 12 बजे केजुवल्टी व इमरजेंसी विभाग जिला अस्पताल, दुर्ग लेकर आए। रात 12.11 बजे मौजूद चिकित्सक ने परीक्षण कर पर्ची पर तीन दिन से बुखार आना और बच्ची की मां को कोविड पॉजिटिव होना व आरएटी होने का उल्लेख पर्ची पर किए। इसके साथ दवाइयां लिखते हुए एमसीएच विंग के शिशु रोग विभाग में भेजा। 25 और 26 अप्रैल के दरमियानी रात 12.27 बजे एसएनसीयू यूनिट में बच्चे को भर्ती कर उसका इलाज शुरू किए। उपस्थित डॉक्टर क्षितिज ने ऑनकाल डॉक्टर समित राज प्रसाद से चर्चा कर जरूरी दवाइयां दी। इस दौरान बच्ची को ऑक्सीजन भी दिए।

सुधार नहीं होता देख रात 3 बजे रिफर किया
चिकित्सक के मुताबिक इसके बाद भी उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं हो रहा था, तब उसके मामा को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी गई। 25 और 26 अप्रैल के दरमियानी रात करीब तीन बजे हायर सेंटर के लिए रिफर स्लीप बनाने के बाद एंबुलेंस 4.15 तक पहुंचने तक लगातार उपचार किया। एंबुलेंस आने के बाद 4.40 बजे रवाना किए।

आरएटी जांच में थी पॉजिटिव
जांच कमेटी ने साफ किया कि रात में जब बच्ची को जिला अस्पताल, दुर्ग लेकर आए तब उसका रेपिड एंटिजन टेस्ट किए, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव होना पाया गया। बच्ची बुखार व दस्त से पीडि़त होने की वजह से जरूरी दवा दिए।

डाटा एंट्री ऑपरेटर ने बिना चिकित्सक से स्पष्ट किए लिख दिया नेगेटिव
आसीएमआर फार्म पूरा भरा नहीं था। जिसकी वजह से डाटा एंट्री ऑपरेटर ने त्रुटि पूर्ण एंटीजन नेगेटिव की एंट्री कर दिया। अगर वह फार्म की प्रविष्टी में कोई दुविधा थी तो ऑपरेटर को संबंधित चिकित्सक या मेडिकल स्टॉफ से स्पष्ट करा लेना चाहिए था, लेकिन उक्त गलती की वजह से बच्ची के उपचार में कोई प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि उक्त बच्ची की आरएटी कोविड पॉजिटिव ही थी, जो शुरू में परिवार को बता दिए थे।

दुर्ग से भेजा गया जिला अस्पताल, रायपुर
जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुबह 5.54 बजे वे जिला अस्पताल, रायपुर पहुंचे, जहां उपस्थित ने बताया कि यहां बच्चों का वेंटिलेटर है, लेकिन कोरोना संक्रमित का इलाज कराने के लिए मेकाहारा, रायपुर जाना होगा। अस्पताल के शिशु विभाग में मरीज को बिना देखे रिफर किए। वे मेकाहारा के लिए रवाना हो गए।

आधे घंटे तक ऑन लाइन तलाशते रहे बेड
मासूम की सांसे एंबुलेंस में धीरे-धीरे थम रही थी। वहीं दूसरी ओर मेकाहारा में ऑन लाइन बेड तलाशने के नाम पर आधा घंटे का समय गुजर रहा था। परिवार गिड़गिड़ा रहा था एक बार बच्ची को देखकर इलाज एंबुलेंस में ही शुरू कर दिया जाए। तब तक कोई नहीं आया जब तक कि उसकी सांसे थम नहीं गई।

क्या छुपा रहा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग
मासूम रूही के मामा का कहना है कि पहले विभाग ने जांच में शिकायत को निराधार बताते हुए कहा कि बच्ची कोरोना संक्रमित थी। अब कोविड डेथ लिस्ट में उसका नाम नहीं है। हकीकत है क्या बच्ची की मौत कैसे हुई। यह साफ होना चाहिए।

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