बागीचा के मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ी 23 वर्षीय रेने कुजूर का काला रंग मॉडलिंग वल्र्ड को खटकता था। रेने ने बताया कि शुरुआत में कई मॉडलिंग आसइनमेंट उसे सिर्फ इसलिए नहीं मिले क्योंकि वो काली है। लोग हंसते हुए कहते थे देखो अब काली लड़कियां भी सुपर मॉडल बनने के ख्वाब देखने लगी हैं।
रेने के बचपन का नाम रेणु है। जब वो महज तीन साल की थी तब स्कूल के फैंसी ड्रेस कॉम्पीटिशन में काली परी बुलाकर लोगों ने जमकर मजाक उड़ाया था। घर आकर मां की गोद में सिर रख खूब रोई थी। उसी दिन से मॉडल बनने का सपना जेहन में बैठ गया था। रिटायर्ड क्लर्क फिडिलस और गृहिणी फिलिस्ता कुजूर की बेटी के पास आज इंडियन से ज्यादा इंटरनेशनल ब्रांड के मॉडलिंग असाइनमेंट है। कई यूरोपियन ब्रांड की वह ब्रांड अंबेसेडर भी है।
गोरी चमड़ी के दौर में काले रंग से अपनी अलग पहचान बनाने वाली रेने को जशपुर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने हाल ही में ट्विट करके बधाई दी। उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। रेने कहती है कि अक्सर मेकअप ऑर्टिस्टों को उनके काले टोन से प्रॉब्लम होता था। वे सोचते थे कि काली लड़की को सिर्फ गोरा करके ही खूबसूरत दिखाया जा सकता है। अब इंडियन रेहाना को देखकर कहते हैं इसे मेकअप की जरूरत नहीं।