शिवानी ताइक्वांडो और कराटे में महज 17 साल की उम्र में ही ब्लैक बेल्ट हैं। वह दो बार इंटरनेशनल मैच में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। साल 2017-18 में राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक पाया था। वर्ष 2018 में नेशनल कराटे में सिल्वर मेडल जीता। दिल्ली में 2019-20 में हुए राष्ट्रीय खेलों में गोल्ड मेडल जीता। वर्ष 2019 में कोलकाता में हुई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता। वह 17 साल की उम्र में ताइक्वांडो की स्टेट रेफरी भी रह चुकी है।
परिस्थितियों ने कम उम्र में ही मुझे बड़ी जिम्मेदारी दे दी। दरअसल मेरे पिता की तबीयत बिगडऩे के बाद से परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। मां लकड़ी टाल में काम करती हैं और जो कमाती हैं, पिता के इलाज में खर्च होता है। घर चलाने के लिए मैंने बच्चों को ताइक्वांडो की कोचिंग देनी शुरू की थी, लेकिन कोरोना की वजह से वह भी बंद हो गई। अब सिलाई कर घर का खर्च चलाती हूं।
अब शिवानी कुछ बच्चों के घरों में जाकर ट्रेनिंग दे रही हैं, लेकिन जब इससे भी खर्चे पूरे नहीं हुए तो उन्होंने पुराने कपड़े सिलने का काम शुरू किया। फिर घर में ही एक छोटी सी दुकान भी शुरू की, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह दुकान ठीक से नहीं चल रही और अब उनकी मां का काम भी बंद हो गया।