ग्रामीणों का कहना था कि नंदिनी रोड पर दिनभर लगातार भारी वाहन चलते रहते हैं। उनकी स्पीड पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। आए दिन हादसे होते रहते हैं। पुलिस व जिला प्रशासन को कई बार आगाह करा चुके। अधिकारी ध्यान नहीं देते। उन्हें ग्रामीणों की जान की कोई परवाह नहीं है। रोड की हालत भी जर्जर हो गई है। ग्रामीण रोड का चौड़ीकरण कर डिवाइडर की मांग कर रहे थे।
2. सड़क के बीच डिवाइडर बनवाएं
3. वाहनों की गति नियंत्रित कराएं फायर ब्रिगेड के चार जवान घायल
ग्रामीण इतने आक्रोशित थे कि वे पुलिस और दमकल जवानों से भी भिड़ गए थे। पथराव में चार फायर फाइटर सुरेंद्र देशमुख, टिगेंद्र साहू, घनश्याम यादव और नागेश्वर मार्कंडेय को चोट आई।
एसडीएम खेमलाल वर्मा ने ढौर की सरपंच द्रौपदी वर्मा व ग्रामीणों से चर्चां की। जिला प्रशासन की ओर से तत्काल 25 हजार की सहायता राशि और बाद में पीडब्ल्यूडी से बात कर मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने इसे खारिज कर दिया। वे 20 लाख रुपए मुआवजा और मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े रहे। रात 12 बजे वे 25 हजार मुआवजा लेकर शव को माच्र्युरी ले जाने देने के लिए तैयार हो गए। ग्रामीणों ने कहा कि वे अपनी मांग पर अडिग हैं, जब तक पूरी नहीं हो जाती शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
ग्रामीणों के पथराव के बाद पहली बार फायर ब्रिगेड की गाड़ी लौट गई। उधर पांच डंफर से आग की लपटें उठ रही थी। करीब तीन घंटे बाद रात 11 बजे पुलिस ने जामुल नहर किनारे रोड से दमकल वाहन को मौके पर भेजा, लेकिन तब तक पांचों डंफर खाक हो चुके थे।
हादसे के बाद नंदिनी रोड पर साढ़े चार घंटे जाम लगा रहा। पुलिस ने धमधा से पावर हाउस की ओर आने वाले वाहनों को पथरिया चौक और नंदिनी अहिवारा से आने वाले वाहनों को बासीन मोड़ से डायवर्ट किया। इसी तरह पॉवर हाउस से नंदिनी की तरफ जाने वाले वाहनों को जामुल बोगदा पुलिया से डायवर्ट कर नहर किनारे होते हुए बासीन मोड़ के पास से निकाला। एसडीएम दुर्ग खेमलाल वर्मा ने बताया कि पीडि़त परिवार को 25 हजार रुपए सहायता राशि दे दी गई है। उनकी अन्य मांगों पर प्रशासन स्तर पर चर्चा होगी। सड़क चौड़ीकरण व डिवाइडर की मांग पर लोक निर्माण विभाग से बातचीत कर हल निकाला जाएगा। (Bhilai crime news)