हरे-कृष्णा, हरे-रामा की धुन पर थिरकते भक्त और दोपहर 12 बजे के बाद जब पट खुले तो भगवान श्रीकृष्ण की मूरत के सामने 56 तरह के पकवान का भोग लगा था।
हरे-कृष्णा, हरे-रामा की धुन पर थिरकते भक्त और दोपहर 12 बजे के बाद जब पट खुले तो भगवान श्रीकृष्ण की मूरत के सामने 56 तरह के पकवान का भोग लगा था।
हरे-कृष्णा, हरे-रामा की धुन पर थिरकते भक्त और दोपहर 12 बजे के बाद जब पट खुले तो भगवान श्रीकृष्ण की मूरत के सामने 56 तरह के पकवान का भोग लगा था।
हरे-कृष्णा, हरे-रामा की धुन पर थिरकते भक्त और दोपहर 12 बजे के बाद जब पट खुले तो भगवान श्रीकृष्ण की मूरत के सामने 56 तरह के पकवान का भोग लगा था।