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संक्रमित खून चढ़ाकर मासूमों की जान से खिलवाड़, जांच करने आई टीम कोल्ड ड्रिंक, डोसा, उत्तपम डकार कर चली गई

locationभिलाईPublished: May 16, 2018 10:59:23 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

जांच टीम पीडि़त मासूम से मिलना तक मुनासिब नहीं समझा। बस पिता को बुलाकर पूछताछ की।

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भिलाई. सुबह के ठीक 11 बजकर 55 मिनट पर राष्ट्रीय बाल आयोग की पांच सदस्यीय टीम जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर-9 (जेएलएनएच) पहुंची। बीएसपी के निदेशक प्रभारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. कलानंद ठाकुर सहित सभी अन्य निदेशक उनकी अगवानी के लिए पहले से ही तैयार खड़े थे। जैसे ही टीम के सदस्य कार से उतरे निदेशकों ने बारी-बारी से हाथ मिलाया।
सदस्यों ने भी मुस्कुराते हुए अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद सभी निदेशक प्रभारी कक्ष की तरफ आगे बढ़ गए। जेएलएनएच के डॉक्टरों की लापरवाही से दो मासूमों को एचआईवी संक्रमित खून चढऩे के मामले की जांच करने आई इस टीम को डॉ. ठाकुर सीधे अतिरिक्त निदेशक डॉ. एसके इस्सर के कक्ष में लेकर गए। पांच मिनट ही हुए थे कि तीन कर्मचारी चिप्स और कोल्ड ड्रिंक लेकर भीतर गए।
एक घंटे बाद सांभर बड़ा सर्व किया गया। फिर घंटेभर बीता होगा कि डोसा परोसा गया। इसके बाद चाय और कॉफी का दौर चला। तब तक दोपहर के करीब तीन बज चुके थे। फिर उत्तपम पहुंचाया गया। इस दौरान ब्लड बैंक से फाइलों की गठरी आती-जाती रही। दोपहर बाद लगभग 3 बजकर 50 मिनट पर टीम कक्ष से बाहर निकली।
इसके बाद सदस्य ब्लड बैंक गए। शाम करीब 5 बजे टीम ब्लड बैंक से निकली और भिलाई निवास गई। वहां सदस्यों ने अपना बैग लिया फिर सीईओ एम रवि से मिलने इस्पात भवन पहुंचे। केंद्रीय बाल आयोग की टीम मीडिया से बचती रही। सोमवार को पहुंची टीम को भिलाई निवास के अपार्टमेंट नंबर २६ से ३० तक में ठहराया।
राष्ट्रीय बाल आयोग के ओएसडी विनोद कुमार साहू, राज्य बाल आयोग की सचिव इंदिरा जैन, राज्य बाल आयोग की सदस्य मीनाक्षी तोमर, दिल्ली सबदर गंज हॉस्पिटल के शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. अविकाश, भोपाल एम्स की रक्त विशेषज्ञ मनीषा श्रीवास्तव शामिल थे।
जांच टीम अस्पताल के निदेशक मंडल के साथ कक्ष में बैठी थी। ब्लड बैंक के प्रभारी और अन्य स्टाफ को भी भीतर बुलाया गया। इस दौरान पीडि़त मासूम के पिता को भी उनका पक्ष जानने बुलावा भेजा गया। वे घंटेभर हाथों में फाइल लिए दरवाजे के सामने खड़े रहे। उन्हें एक गिलास पानी तक नहीं दिया।
पिता से कहा पैसे की चिंता मत करना
जांच टीम पीडि़त मासूम से मिलना तक मुनासिब नहीं समझा। बस पिता को बुलाकर पूछताछ की। पिता ने कहा कि जो मेरे बेटे को संक्रमित खून चढ़ाने वाले दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई हो। इस पर सदस्य कुछ नहीं बोले, बस इतना कहा कि पैसे की चिंता मत करना स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड इलाज का पूरा खर्च उठाएगा।
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