ट्रेनिंग में 10 चिकित्सकों ने अनुभव किया साझा
दो दिवसीय वर्कशॉप के दौरान पहले दिन 10 डॉक्टरों ने अपने अनुभव साझा किए। अस्पताल के डॉक्टर ने जवानों को बताया कि इंजरी और फैक्चर आने पर क्या करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने सामान्य चिकित्सा ड्रेसिंग बैंडेज करने के तरीके भी बताए। इस मौके पर डॉक्टर अनूप गुप्ता ने स्ट्रोक एपिलेप्सी और कंवर्जन के संबंध में जानकारी दी।
ब्लीडिंग रोकने का बताया तरीका
डॉक्टर जोगेश चंद्र ने ब्लीडिंग रोकने का तरीका बताया। वहीं जलने की स्थिति में क्या करना चाहिए यह भी समझाया। डॉक्टर तिलेश कुसरो ने बताया कि अगर किसी जवान को अस्थमा का अटैक आए तो क्या करना चाहिए। वर्कशॉप के दौरान पहले दिन का आखिरी सेसन डॉक्टर लीजो डेनियल कर रहा। उन्होंने जवानों को जंगल में सर्पदंश, बिच्छू का डंक सहित अन्य जहरीले सापों के काटने पर क्या करना चाहिए इसकी जानकारी दी।
जवानों के लिए कारगर साबित होगी यह जानकारी
मुख्य अतिथि डीआईजी थॉमस चाको ने कहा कि हॉस्पिटल की ओर से जवानों को अहम जानकारियां दी गई हैं। फील्ड पर अक्सर ऐसे कई मौके आते हैं जब जवानों को प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत पड़ती है, लेकिन इसकी जानकारी ना होने के कारण दिक्कतें पैदा होती है। ट्रेनिंग में जवानों ने प्राथमिक चिकित्सा के संबंध में अहम जानकारियां हासिल की है। ग्राउंड लेवल पर यह जानकारी काफी कारगर साबित होगी।
प्राथमिक उपचार पर फोकस रहा वर्कशॉप
वर्कशॉप के समापन के मौके पर स्पर्श हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर दीपक वर्मा ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात जवानों को प्राथमिक चिकित्सा पद्धति बताने का मौका मिला। यह हमारे लिए गर्व की बात है। मेडिकल इमरजेंसी किसी को भी पढ़ सकती है खासकर बीहड़ जंगलों में नक्सलियों से लोहा ले रहे जवानों को इसकी अत्याधिक आवश्यकता है। दो दिवसीय वर्कशॉप के दौरान हमारा फोकस इस बात पर रहा कि प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाता हे।