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संयुक्त यूनियन ने शुरू किया बीएसपी में वेतन समझौता जागरूकता अभियान

locationभिलाईPublished: Mar 25, 2019 05:33:53 pm

Submitted by:

Abdul Salam

शेख महमूद ने बताया कि हड़ताल के बाद कंपनी पूर्व निर्धारित 21 फीसदी मिनिमम गारंटीड बेनिफिट के साथ-साथ वन टाइम आधा फीसदी इंक्रीमेंट देने पर सहमति हुई थी,

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भिलाई. बीएसपी में सयुंक्त यूनियन ने कर्मियों के बीच वेतन समझौते को लेकर जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस्पात श्रमिक मंच और छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के चलाए जा रहे, इस अभियान के माध्यम से वेतन समझौते के विषय में कर्मियों को जानकारी दे रहे हैं।
क्लोज एंडेड स्केल के लिए सीटू जिम्मेदार
मंच के अध्यक्ष भावसिंह सोनवानी ने अभियान के दौरान कहा कि 2007 वेतन समझौते में पे स्केल क्लोज एंडेड होने का मुख्य जिम्मेदार सीटू है। वेतन समझौते में तीन यूनियन हस्ताक्षर कर चुकी थी, लेकिन सीटू ने हड़ताल का रास्ता अपनाया। राउरकेला में अव्यवहारिक हड़ताल के बाद जो फिर प्रबंधन के दबाव में सीटू ने क्लोज एंडेड स्केल को स्वीकार करते हुए साइन कर दिया। जिसका मुख्य कारण उस समय हड़ताल से हुए 6 से 9 करोड का नुक्सान था।
8 फीसदी नुकसान
छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के महासचिव शेख महमूद ने बताया कि राउरकेला में हड़ताल के बाद कंपनी ने पूर्व निर्धारित 21 फीसदी मिनिमम गारंटीड बेनिफिट के साथ-साथ वन टाइम आधा फीसदी इंक्रीमेंट देने पर सहमति हुई थी, लेकिन इसके साथ ही वेतन स्केल को क्लोज एंडेड स्केल लागू कर दिया गया, जिसके चलते कर्मियों का सालाना इंक्रीमेंट 3 फीसदी कि जगह 2.25 फीसदी तक आकर रुक गया है, जिसका नुक्सान 10 साल में 8 फीसदी तक हुआ है, जिस बात का हवाला देते हुए सीटू ने चार्टर ऑफ डिमांड में 4 फीसदी के दो एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट की मांग की है।
भेल में ओपन एंडेड स्केल पे स्ट्रक्चर पर लगी मोहर
इस्पात श्रमिक मंच के मुकुंद गंगवेर ने कहा की भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड में राष्ट्रीय यूनियनों ने वेतन समझौते पर ओपन एंडेड स्केल पर मुहर लगाइ, जिससे सीनियर कर्मियों को वेतन इजाफा का पूरा लाभ मिल पाएगा। वर्तमान में सेल में कर्मियों का पे स्केल पर कैपिंग है। जिससे स्केल के अंतिम बेसिक के बाद के वेतन पर इंक्रीमेंट का फायदा नहीं मिल पाता है। कर्मियों को हर साल वेतन इजाफा में 0.8 फीसदी तक का नुकसान हो रहा था, जिसका 10 साल में 8 फीसदी वेतन इजाफा के नुकसान के रूप में सामने आया है। इसका असर सेवाकाल में लाखों रुपए के अंतर में सामने आएगा।
जानिए कोलोज एंडेड स्केल का नुकसान
इस्पात श्रमिक मंच के महासचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि 2007 वेतन समझौते के पहले जहां कर्मियों को वेतन का 3.5 फीसदी सालाना वेतन इजाफा का फायदा होता था। वहीं क्लोज एंडेड स्केल होने से सालाना इंक्रीमेंट के साथ-साथ इसका प्रभाव सीपीफ ग्रच्युटी पक्र्स और पेंशन पर हुआ है जहां एक ओर अधिकारियों के वेतन स्ट्रक्चर में ग्रोथ और इंक्रीमेंट का पूरा ध्यान रखा है। वहीं कर्मियों का पूरे ग्रेड के शुरआती बेसिक को महज 2170 के दरमियान समेत दिया गया है जिसके चलते कर्मियों को प्रमोशन में फिटमेंट का लाभ नहीं मिल पाता है।
राउरकेला की हड़ताल श्रमिकों के साथ धोखा
इस्पात श्रमिक मंच के सचिव पवन देशवाल के मुताबिक 2009 में एनजेसीएस बैठक के बीच हुई सीटू ने राउरकेला में की गई हड़ताल सेल कर्मियों के साथ एक बड़ा धोखा थी। राउरकेला में कार्यरत साथियों के मुताबिक जहां सीटू ने कर्मियों से 30 फीसदी मिनिमम गारेंटेड बेनिफि०ट और 46 फीसदी पक्र्स का वादा कर हड़ताल करवाया व खून से लेटर पर हस्ताक्षर करवाए। 95 फीसदी सफल हड़ताल के दूसरे दिन हड़ताली साथियों को छोड़ अकेले में प्रबंधन से चर्चा कर हड़ताल समाप्त कर दी। आधा इंक्रीमेंट और क्लोज एंडेड स्केल पर समझौता कर लिया।
सीटू को मिला कम वोट
संयुक्त यूनियन ने बताया कि दो दिन की हड़ताल में हुए 6 से 9 करोड के नुकसान की भरपाई के लिए प्रबंधन ने पे स्केल सिमित कर दिया। इसी वजह से कभी 95 फीसदी सफल हड़ताल करवाने वाली यूनियन सीटू को आरएसपी में करीब 382 वोट ही मिले। जागरूरता के अभियान को लेकर हुई बैठक में मंच से महासचिव राजेश अग्रवाल, सर्वजीत सिंह, किशोर मराठी, आएस ठाकुर सीताराम साहू, गेंद लाल वर्मा छत्तीसगढ़ मजदूर संघ से शेख महमूद, अखिल मिश्रा, विनोद सागर कर, डीके सिंह, प्रदीप विश्वास, अरविंद पांडे, व्हि सूर गिरवर साहू, विमल कांत, मंगेश हरिदास, सुभाष महाराणा, सारथी महाराणा मौजूद थे।
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