महिला प्राध्यापक ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को ताक पर रखकर अपनी जगह कॉलेज के संविदा शिक्षकों को भेज दिया। हद तो उस वक्त हुई जब कॉलेज प्रशासन की ओर से फोन लगाए जाने पर खुद को मैसूर में बताया जबकि वह विद्यार्थियों के साथ गई ही नहीं।
इस राज पर से पर्दा उठ उक्त उठा जब फोन नहीं उठाने पर महिला प्राध्यापक के मोबाइल के कॉलर ट्यून में छत्तीसगढ़ी लहजे में नॉट आंसरिंग की आवाज सुनाई दी। इसी तरह टूर पर गए अन्य शिक्षकों ने भी महिला प्राध्यापक से बात कराने को लेकर आनाकानी करना शुरू कर दी।
जारी किया कारण बताओ नोटिस
महिला प्राध्यापक की इस गलती के लिए कॉलेज प्रशासन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि कॉलेज मैनेजमेंट इस पूरे मामले में कानूनी कार्रवाई का मन बना चुका है। शनिवार को कॉलेज इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने की बात कह रहा है। बड़ी बात यह भी है कि सूत्रों के मुताबिक कॉलेज के ७५ फीसदी प्राध्यापक इसी पक्ष में है कि इस गलती को क्षमा नहीं किया जा सकता, क्योंकि मामला विद्यार्थियों की सुरक्षा से जुड़ा है। हालांकि उक्त महिला प्राध्यापक ने अपना जवाब कॉलेज मैनेजमेंट को सौंप दिया है।
महिला प्राध्यापक की इस गलती के लिए कॉलेज प्रशासन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि कॉलेज मैनेजमेंट इस पूरे मामले में कानूनी कार्रवाई का मन बना चुका है। शनिवार को कॉलेज इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने की बात कह रहा है। बड़ी बात यह भी है कि सूत्रों के मुताबिक कॉलेज के ७५ फीसदी प्राध्यापक इसी पक्ष में है कि इस गलती को क्षमा नहीं किया जा सकता, क्योंकि मामला विद्यार्थियों की सुरक्षा से जुड़ा है। हालांकि उक्त महिला प्राध्यापक ने अपना जवाब कॉलेज मैनेजमेंट को सौंप दिया है।
खुद विद्यार्थियों ने की शिकायत
इस मामले की पड़ताल के दौरान कॉलेज प्रशासन ने मैसूर गए विद्यार्थियों को भी फोन लगाकर महिला प्राध्यापक के साथ नहीं होने की पुष्टि की है। टूर पर गए विद्यार्थियों ने भी कॉलेज मैनेजमेंट से इस मामले की शिकायत की है। सबसे बड़ा पहलू यह भी सामने आया है कि जिन संविदा शिक्षकों को टूर पर जाने की अनुमति ही नहीं दी गई, उन्हें उक्त महिला प्राध्यापक ने विद्यार्थियों के साथ भेजा।
इस मामले की पड़ताल के दौरान कॉलेज प्रशासन ने मैसूर गए विद्यार्थियों को भी फोन लगाकर महिला प्राध्यापक के साथ नहीं होने की पुष्टि की है। टूर पर गए विद्यार्थियों ने भी कॉलेज मैनेजमेंट से इस मामले की शिकायत की है। सबसे बड़ा पहलू यह भी सामने आया है कि जिन संविदा शिक्षकों को टूर पर जाने की अनुमति ही नहीं दी गई, उन्हें उक्त महिला प्राध्यापक ने विद्यार्थियों के साथ भेजा।
इसी तरह टूर में कुछ ऐसे लोग भी शामिल हो गए जिनका शिक्षण कार्य से कोई वास्ता नहीं था न ही वे कॉलेज के विद्यार्थी थे। कॉलेज मैनेजमेंट ने बिना अनुमति टूर पर गए शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही है। उक्त महिला प्राध्यापक खुद भी कॉलेज में परिनियम-२८ के तहत नियुक्त बावजूद इसकी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा। गनीमत यह रही कि टूर के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
वर्जन .
मेडिकल ईमरजेंसी की वजह से टूर पर नहीं जाना हुआ। मैंने बच्चों का हित ध्यान में रखकर ही यह फैसला लिया था, क्योंकि यदि मैं टूर पर जाने से असमर्थता दिखाता तो पूरा प्रोग्राम कैंसल हो जाता। इससे विद्यार्थियों के पैसे डूबते। उन्हें कोई रिफंड नहीं मिलता। मुझे डॉक्टर ने २५ दिसंबर को ही यह बताया कि आपको कहीं नहीं जाना है, जबकि २६ को विद्यार्थियों को रवाना होता था। मैंने अपना जवाब कॉलेज मैनेजमेंट को सौंप दिया है।
सौम्या खरे, विभागाध्यक्ष, बायोटेक
मेडिकल ईमरजेंसी की वजह से टूर पर नहीं जाना हुआ। मैंने बच्चों का हित ध्यान में रखकर ही यह फैसला लिया था, क्योंकि यदि मैं टूर पर जाने से असमर्थता दिखाता तो पूरा प्रोग्राम कैंसल हो जाता। इससे विद्यार्थियों के पैसे डूबते। उन्हें कोई रिफंड नहीं मिलता। मुझे डॉक्टर ने २५ दिसंबर को ही यह बताया कि आपको कहीं नहीं जाना है, जबकि २६ को विद्यार्थियों को रवाना होता था। मैंने अपना जवाब कॉलेज मैनेजमेंट को सौंप दिया है।
सौम्या खरे, विभागाध्यक्ष, बायोटेक
वर्जन .
महिला प्राध्यापक ने लिखित में दिया था कि वह विद्यार्थियों ेके साथ टूर पर जाएंगे। जबकि वह घर पर रहीं, और मैनेजमेंट को गुमराह किया। विद्यार्थियों की सुरक्षा को ताक पर रखा। इस गलती के लिए कॉलेज मैनेजमेंट ठोस कदम उठा रहा है। यह क्षमा करने योग्य गलती नहीं है।
डॉ. एआर वर्मा, प्राचार्य, कल्याण कॉलेज
महिला प्राध्यापक ने लिखित में दिया था कि वह विद्यार्थियों ेके साथ टूर पर जाएंगे। जबकि वह घर पर रहीं, और मैनेजमेंट को गुमराह किया। विद्यार्थियों की सुरक्षा को ताक पर रखा। इस गलती के लिए कॉलेज मैनेजमेंट ठोस कदम उठा रहा है। यह क्षमा करने योग्य गलती नहीं है।
डॉ. एआर वर्मा, प्राचार्य, कल्याण कॉलेज