भवन अधिग्रहण की फाइल अटकी
शासन ने कॉलेज के भवन निर्माण के लिए पहले ही ५ करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं, लेकिन जब तक बीएसपी भवन के मालिकाना हक की इजाजत नहीं देगा, तब तक निर्माण की एक ईंद भी कॉलेज में नहीं लगाई जा सकेगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के पूरा मामला साझा किया था। भवन हस्तनांतरण की कार्रवाई केंद्रीय केबिनेट में पूरी होनी थी, लेकिन बैठक रद्द होने से फिर एक बार पूरा मामला अटक गया।
शासन ने कॉलेज के भवन निर्माण के लिए पहले ही ५ करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं, लेकिन जब तक बीएसपी भवन के मालिकाना हक की इजाजत नहीं देगा, तब तक निर्माण की एक ईंद भी कॉलेज में नहीं लगाई जा सकेगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के पूरा मामला साझा किया था। भवन हस्तनांतरण की कार्रवाई केंद्रीय केबिनेट में पूरी होनी थी, लेकिन बैठक रद्द होने से फिर एक बार पूरा मामला अटक गया।
मरम्मत तक नहीं करा पाए
लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी शासन स्तर पर कोई कदम नहीं उठाए गए। शासन ने कॉलेज को मरम्मत करने करीब १९ लाख का फंड दिया है, लेकिन इसकी अनुमति ही नहीं मिल पाई। यहां भी भवन का मालिकाना हक बाधा बना। पीडब्ल्यूडी ने जीर्णोद्धार के लिए इस्टीमेट तैयार किया। टीम ने निरीक्षण भी किया, पर बात आगे नहीं बढ़ी।
प्राचार्य डॉ. रीना मजूमदार ने बताया कि कक्षाओं के सीलिंग से प्लास्टर गिरने की घटनाएं लगातार हो रही है, शासन स्तर पर कोई निर्देश नहीं आए हैं, इसलिए ऐसी ही पढ़ाना मजबूरी बन गया है।
लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी शासन स्तर पर कोई कदम नहीं उठाए गए। शासन ने कॉलेज को मरम्मत करने करीब १९ लाख का फंड दिया है, लेकिन इसकी अनुमति ही नहीं मिल पाई। यहां भी भवन का मालिकाना हक बाधा बना। पीडब्ल्यूडी ने जीर्णोद्धार के लिए इस्टीमेट तैयार किया। टीम ने निरीक्षण भी किया, पर बात आगे नहीं बढ़ी।
प्राचार्य डॉ. रीना मजूमदार ने बताया कि कक्षाओं के सीलिंग से प्लास्टर गिरने की घटनाएं लगातार हो रही है, शासन स्तर पर कोई निर्देश नहीं आए हैं, इसलिए ऐसी ही पढ़ाना मजबूरी बन गया है।
पहले ननि ने कराई थी मरम्मत
कॉलेज की शुरुआत के दौरान २०१४ में नगर निगम भिलाई ने १२,२७२७८ लाख रुपए की लागत से संधारण, विद्युतिकरण और जलप्रदाय जैसे कई कार्य कराए थे। इस राशि से सिर्फ एक तल की ही मरम्मत हुई थी।
बीएसपी ने मांगी थी कॉलेज से जानकारियां
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सेल से जुड़ा यह प्रस्ताव रखने के लिए बीएसपी के नगर सेवा विभाग ने कॉलेज से जानकारियां मांगी थी। इस बात को ६ महीने से अधिक का समय बीत चुका है। इसमें विद्यार्थियों और संचालित कोर्स का विवरण, उपयोग किए जा रहे कमरे, बिजली का बिल व बीएसपी को चुकाया जा रहा किराया जैसे बिंदु शामिल थे।
कॉलेज की शुरुआत के दौरान २०१४ में नगर निगम भिलाई ने १२,२७२७८ लाख रुपए की लागत से संधारण, विद्युतिकरण और जलप्रदाय जैसे कई कार्य कराए थे। इस राशि से सिर्फ एक तल की ही मरम्मत हुई थी।
बीएसपी ने मांगी थी कॉलेज से जानकारियां
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सेल से जुड़ा यह प्रस्ताव रखने के लिए बीएसपी के नगर सेवा विभाग ने कॉलेज से जानकारियां मांगी थी। इस बात को ६ महीने से अधिक का समय बीत चुका है। इसमें विद्यार्थियों और संचालित कोर्स का विवरण, उपयोग किए जा रहे कमरे, बिजली का बिल व बीएसपी को चुकाया जा रहा किराया जैसे बिंदु शामिल थे।