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लाइम स्टोन निकालकर सरकार भर रही खजाना, खनिज आदर्श गांव ढौर बदहाली में

locationभिलाईPublished: Sep 15, 2019 12:25:48 pm

Submitted by:

Tara Chand Sinha

शासन-प्रशासन के कागजी रिकॉर्ड में भले ही ग्राम पंचायत ढौर खनिज आदर्श ग्राम है। हकीकत इसके विपरीत है। आदर्श के रूप में बताने के लिए यहां के ग्रामीणों के पास एक भी ऐसा उदाहरण नहीं है, जिससे दिखाते हुए सीना तान के यह कह सके कि हां ये दुर्ग जिले खनिज आदर्श गांव है। यहां ऐसा कुछ भी नहीं है।

village dhour

लाइम स्टोन निकालकर सरकार भर रही खजाना, खनिज आदर्श गांव ढौर बदहाली में

भिलाई.शासन-प्रशासन के कागजी रिकॉर्ड में भले ही ग्राम पंचायत ढौर खनिज आदर्श ग्राम है। हकीकत इसके विपरीत है। आदर्श के रूप में बताने के लिए यहां के ग्रामीणों के पास एक भी ऐसा उदाहरण नहीं है, जिससे दिखाते हुए सीना तान के यह कह सके कि हां ये दुर्ग जिले खनिज आदर्श गांव है। यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। इस गांव की सड़क-नाली, बिजली और पानी जैसे मूलभूत सुविधाएं दुरूस्त नहीं है।
गलियों में बहता है गंदा पानी
कच्ची सड़क है जो कीचड़ से लथपथ है। निकासी नाली के अभाव में घरों से निकलने वाला गंदा पानी गली में बह रहा है। करीब 400 फीट गहरा लाइम स्टोन खदान की वजह से हैंडपंप सूखा पड़ा है। पानी की किल्लत है। खंभे बिना बल्ब के हैं। सार्वजनिक शौचालय भवन में दरवाजा नहीं है। दीवारों पर मोटी दरारें आ गई है। कमरे के अभाव में शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के शिक्षकों को दो पॉली में लगाना पड़ता है।
स्कूल में प्रयोगशाला भवन नहीं
जिले के एकमात्र खनिज आदर्श गांव में जब पत्रिका की टीम पहुंची तो सबसे पहले रोड किनारे बंद हैंडपंप दिखा। बाजू में दीवारों पर दरारें पड़ी बिना दरवाजा के सार्वजनिक शौचालय, बगल में पंचायत का दफ्तर और स्नोसेम से चमकता हुआ चार कमरे का हाई और सेकेंडरी स्कूल। जहां क्षमता से अधिक 400 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इस वजह से हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल को दो पाली में स्कूल लगाना पड़ता है। स्कूल में जाकर देखा और बात की तो पता चला कि विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशाला भवन तक नहीं है।
400 फीट गहरा खदान के कारण हैंडपंप पड़े हैं सूखे
पूर्व सरपंच दीपनारायण का कहना है कि आदर्श के रूप में गांव देखने के लायक कुछ भी नहीं है। यहां शासन और प्रशासन ने देखने लायक 400 फीट का गहरा खदान बनवाया है। जिसके कारण गांव का वॉटर लेवल डाउन हो गया है। हैंडपंप,बोर सब सूख गया है।
ब्लास्टिंग के कारण दीवारों पर दरारें
ग्रामीण ओमप्रकाश और अशोक कुमार मंडारे का कहना है कि ढौर की खनिज भंडार वाली जमीन को सीमेंट कंपनी को बेचकर सरकार खजाना भर रही है। समस्या गांव के लोग झेल रहें है। ब्लास्टिंग की वजह से मकानों में दरारें पड़ गई है। गांव की जमीन में अकूट लाइम स्टोन है। उसका लाभ गांव के बजाय अन्य शहरों को मिल रहा है। शासन ने खनिज संस्थान न्यास निधि की राशि को दुर्ग जिले के बाहर खर्च किया है। गांव में सीसी रोड, नाली, पानी की समस्या है। यहां की स्थिति बद से बदतर है। पिछले साल गांव वालों ने तत्कालीन कलक्टर को सीसी रोड, अतिरिक्त स्कूल भवन, तालाब का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण की मांग पत्र भी सौंपा था। इसके बावजूद एक भी कार्य को स्वीकृति नहीं दी।
एक साल की राशि में ही चमक जाती सड़कें
ढौर खदान से लाइम स्टोन लेने वाली एसीसी सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड हर साल खनिज न्यास निधि में सीएसआर के अंतर्गत 9 करोड़ रुपए जमा करता है। इस राशि में से एक करोड़ रुपए भी जिला प्रशासन इस गांव में खर्च करता तो गांव की सड़कों की स्थिति सुधर जाती है। निकासी की समस्या ही नहीं रहती। अतिरिक्त कमरे का निर्माण होने से कक्षा-नवमी से बाहरवीं के छात्र-छात्राएं की कक्षाएं एक साथ लगती। ढौर के अलावा आसपास के गांव नवातरिया और बासीन से आने वाले छात्र-छात्राओं को फायदा होता। भवन निर्माण से साइंस विषय से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कंप्यूटर क्लॉस रूम जैसे कई सुविधाएं मिल सकती थी
10 बिजली पोल लगाए पर तार नहीं खींचे
7 हजार की आबादी वाले इस गांव में जिला प्रशासन ने 2018-19 खनिज संस्थान न्यास निधि (डीएमएफ) फंड से मात्र 1 लाख 50 हजार 188 रुपए खर्च किया है। इस राशि से सीमेंट के 10 खंभे लगाए हैं और तार खींचे हैं, लेकिन उसमें भी बल्ब नहीं है।
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