मृतका के बेटे तुलसीदास ने बताया कि उनकी मां १० बजे तक दुकान नहीं पहुंची। तब खोजबीन शुरू की। सुपेला थाना पहुंचे तब पता चला कि सुबह सड़क दुर्घटना हुई थी। घायलों को सुपेला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल पहुंचने पर देखा कि मेरी मां बिस्तर पर तड़प रही थी। शिकायत के बाद इंजेक्शन लगाया, लेकिन दम तोड़ दिया। समय पर इलाज करते तो उनकी मौत नहीं होती।
मृतका के बेटे तुलसीदास साहू, बेटी रूकमणी बिसाई और मृतका के भाई हरिराम बिसाई ने आरोप लगाया कि मरीज ढाई घंटे तक तड़पती रही, लेकिन हॉस्पिटल स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। ब्लड प्रेशर तक जांच नहीं की। लापरवाही की वजह से उनकी मां की मौत हो गई। मामले में जो भी दोषी है। उसे सजा मिलनी चाहिए।
सुपेला अस्पताल के प्रभारी डॉ बीपी तिवारी का कहना है कि मरीज भर्ती नहीं थी। इस वजह से दिक्कत हुई। जब मरीज अस्पताल पहुंची। तब स्थिति सामान्य थी। अंदरूनी चोट के बारे में नहीं पता चला। उनके बताए अनुसार एक्स-रे के लिए प्रीफर किया था। बाद में उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई।
डॉ. जलज गौतम का कहना है कि उनकी नाइट ड्यूटी थी। डायल ११२ सुबह ८.२२ बजे दुर्घटना से पीडि़त छह लोगों को लेकर अस्पताल पहुंची। प्राथमिक इलाज के बाद सभी को जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया। मेडिकल लीगल केस बनाया। जिनके परिजन अस्पताल पहुंच गए थे वेे घायलों को एंबुलेंस में लेकर चले गए। भानू के परिवार से कोई नहीं था। मैंने उसका बीपी चैक किया। सीने और कमर में दर्द की शिकायत की तो एक्स-रे के लिए प्रीफर किया। पर्ची को स्टॉफ को दिया। तब तक इंचार्ज डॉक्टर रूबि मरकाम आ गई थी। ड्यूटी का समय समाप्त हो गया था। इसलिए मैं घर चला गया।
अस्पताल प्रभारी डॉ बीपी तिवारी कहना है कि चिकित्सक का दायित्व है कि पहले घायल का इलाज करे घायलों को पुलिस लेकर आई थी। परिजन नहीं थ,े तब एक्स-रे कराना और रिपोर्ट चिकित्सक को दिखाना, पुलिस का काम था।
सुपेला टीआई धर्मानंद शुक्ला का कहना है अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना नहीं दी। अस्पताल में परिजन ने हंगामा मचाया तब हमें दोपहर १२.३० बजे खबर मिली। इसके बाद हमने सड़क दुर्घटना की जानकारी ली। एसडीएम राजेश पात्रे ने बताया कि परिजन की मांग के अनुसार मैंने दो चिकित्सकों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट देने कहा है। जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा जाएगा।डीएसपी श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि पीडि़त पक्ष ने शिकायत की है। एमएलसी रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच होगी। जांच प्रतिवेदन के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।