नवजात की मृत्युदर में कमी लाने कवायद
शहर और ग्रामीण अंचल में घरों के करीब हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के तौर पर नई व्यवस्था लोगों को दी जा रही है, ताकि प्रसुता और नवजात के मृत्युदर में कमी लाया जा सके। इसके लिए जरूरी है कि इन सेंटरों में 24 घंटे स्टाफ की व्यवस्था की जाए और चिकित्सक कम से कम ऑन लाइन मौजूद रहें। जिला में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में लटके ताले कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
घर के करीब मिले डिलीवरी सेंटर
नए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर बनाने का मकसद यह रहा है कि प्रसुता को डिलीवरी के लिए घर के करीब व्यवस्था मिले। प्रसुता जांच करवाने से लेकर हिमोग्लोबिन व दूसरी जांच समय-समय पर घर के पास के सेंटर में करवा सके। जिससे डिलीवरी के समय प्रसुता में खून की कमी और दूसरी कमजोरी न हो। बच्चों का भी ग्रोथ बराबर होता रहे। बच्चे के ग्रोथ की जांच समय में की जा सके।
लाखों रुपए इस वजह से कर रहे खर्च
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के तौर पर अपग्रेड करने या नए भवन को शुरू करने में सरकार कम से कम 50 लाख से 75 लाख रुपए खर्च कर रही है। यह पैसा खर्च करने का मुख्य मकसद प्रसुता और नवजात दोनों पर नियमित नजर रखना है। यही वजह है कि इसके साथ-साथ भवन में आवास की भी सुविधा रखने की योजना है। जिससे 24 घंटे स्टाफ मौजूद रहे।
केस-1
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर छावनी में शाम होते ही ताला जड़ दिया जाता है। इसके बाद अगर कोई आ जाए तो न स्टाफ मिलेेंगे और न चिकित्सक। यहां स्टाफ की कमी के नाम पर ताला लगा दिया जाता है।
केस-2
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर, चरोदा में भी शनिवार को दोपहर से शाम तक ताला लगा रहा। रविवार को भी यही स्थिति थी। जिम्मेदार बता रहे हैं कि रविवार को सभी मुख्यालय में ही रहते हैं। जरूरत पडऩे पर तुरंत पहुंचने निर्देश है।
केस-3
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर, जरवाय में भी कर्मियों की कमी के कारण बंद ही रखा जाता है। यहां भी 24 घंटे सेवा नहीं दी जा रही है।
चरोदा में पूरे हैं स्टाफ
डॉक्टर आशीष शर्मा, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, पाटन, ने बताया किशनिवार को सेक्टर मीटिंग होती है। चरोदा के स्टाफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भिलाई-3 में मीटिंग में गए हुए थे। सीएचओ को फस्र्ट हॉफ में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में ओपीडी संचालन करने के बाद मीटिंग में जाने के निर्देश हैं। रविवार को शासकीय अवकाश रहता है। सभी स्टाफ को मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल चिकित्सा सेवाएं दी जा सके। इस संबंध में जानकारी ली जाएगी अगर स्टाफ दोषी होंगे तो कार्रवाई की जाएगी।