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भिलाई

भीषण गर्मी में झुलस रहे रायपुर मंडल के लोको पायलट

डी विजय, कॉर्डिनेटर रायपुर मंडल ने कहा कि रेलवे इंजन में एसी लगाने की मांग डीआरएम से पत्र देकर की गई है।

भिलाईMay 05, 2019 / 10:21 pm

Abdul Salam

BHILAI

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भिलाई. लोको पायलट इंजन के केबिन में 43 डिग्री तापमान पर काम कर रहे हैं। ट्रेन को सिंग्नल मिल जाती है, तो उनको गर्म हवा के थपेड़े और सिंग्नल नहीं मिलने पर झुलसा देने वाली गर्मी से सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ वह हर किलोमीटर की रफ्तार के निर्देश का पालन भी करते हंै। सफर में वह 8 से 16 घंटे खड़े-खड़े पसीना बहाते है। इसकी वजह से उसके शरीर में पानी की कमी होने लगती है। सिर के समीप एक छोटा पंखा भी चलता रहता है, जो केबिन की गर्म हवा को ही और गर्म कर उनकी ओर बढ़ा देता है। अब वे चाहते हैं कि उनका चेंबर पूरी तरह से एसी लगा हो।
यूरिन का बदल जाता है रंग
इंजन में लंबा सफर तय करने के लिए पायलट पहले से ही पानी अपने साथ रखते हंै, लेकिन गर्म हवा के बीच यह पानी उसकी प्यास बुझा पाने में सफल नहीं होता। पायलट जैसे ही रेस्टरूम पहुंचते हंै, सबसे पहले फ्रेश होने के बाद नीबू पानी पीते हंै। दरअसल इंजन के केबिन की गर्मी से उसके यूरिन का रंग बदलकर पीला हो जाता है। इस परेशानी से महिला पायलट भी गुजर रही हैं। बीएमवाई की लाबी में हर दिन इस पर चर्चा लोको पायलट करते हैं, लेकिन समस्या से निजात नहीं मिल रहा है। उनकी बातों को यूनियन जरूर डीआरएम तक पहुंचा देती है।
पेटी में रखते हैं ओआरएस व ग्लूकोज
ड्यूटी में जाने से पहले रेलवे चालक अपनी पेटी में ग्लूकोज व ओआरएस का डिब्बा रखना नहीं भूलते। वे रास्ते में भी इसका उपयोग करते हैं। पसीने से तर हाथ से ही चालक विभागीय कार्य निपटाते हैं। इसकी वजह से कई बार दस्तावेज में पसीना टपक जाता है।
हो जाते हैं बीमार
गुट्स ट्रेन लेकर लंबा सफर तय करने वाले पायलट अक्सर बीमार हो जाते हैं। लू लगने की शिकायत इंजन में चलने वालों के लिए आम है। इस वजह से कई चालक अपनी ड्यूटी ऑफिस में लगाने की मांग भी करते हैं। जोन के करीब ५०० सौ से अधिक इंजन लेकर चलने वाले चालकों को इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
भेल की इंजन में लगकर आ रहा एसी
चालकों ने बताया कि रेलवे दो स्थान से इंजन लेता है, भेल, भोपाल व सीएलडब्ल्यू, चितरंजन। भेल के लोको इंजन में एसी पहले से लगा हुआ रहता है। वहीं चितरंजन का इंजन बिना एसी का ही आ रहा है।
नहीं करते मरम्मत
भेल के इंजन में एसी लगा हुआ आता है, लेकिन जब व खराब हो जाता है, तो उसका रेलवे के अधिकारी मरम्मत नहीं करवाते। इस तरह से वह भी दूसरे इंजन की तरह हो जाता है। रेलवे ने इसके मरम्मत का इंतजाम किया ही नहीं है।
फैक्ट फाइल – चालक – परिचालक
रायपुर डिविजन – 600 – 700
बिलासपुर डिविजन – 2500 – 2500
नागपुर डिविजन – 600 – 700
इंजन में लगाया जाए एसी
डी विजय, कॉर्डिनेटर रायपुर मंडल ने कहा कि रेलवे इंजन में एसी लगाने की मांग डीआरएम से पत्र देकर की गई है। इसके साथ ही जिस इंजन में एसी लगा हुआ आता है, उस ऐसी के खराब होने के बाद मरम्मत करने की जरूरत है, उसे निकाल दिया जाता है।
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