कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में जातीय समीकरण को भुनाकर मोदी लहर के बाद भी भाजपा के लगातार पांच बार जीत के क्रम को तोड़कर सीट पर कब्जा जमाया था। बताया जा रहा है कि मंत्री ताम्रध्वज साहू इसी समीकरण का हवाला देकर अपने बेटे जितेन्द्र साहू के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। @Patrika. दूसरी ओर सीएम भूपेश बघेल पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर को टिकट देने के इच्छुक हैं। माना जा रहा है कि सीएम भूपेश बघेल प्रतिमा चंद्राकर को टिकट देकर अप्रत्यक्ष रूप से अपने राजनीतिक गुरू स्व. वासुदेव चंद्राकर को गुरूदक्षिणा देना चाहते हैं।
प्रदेश के 11 में से 9 सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इससे प्रतिमा चंद्राकर की दावेदारी मजबूत दिख रही है। दरअसल 9 में से किसी भी सीट पर कांग्रेस ने कुर्मी व महिला प्रत्याशी नहीं उतारा है। @Patrika.जबकि साहू समाज के राजनांदगांव व महासमुंद से दो प्रत्याशी मैदान में उतारे जा चुके हैं। इस तरह जातीय समीकरण में सामंजस्य के आधार पर प्रतिमा को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना ज्यादा दिख रही है।
लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर विधानसभा की तर्ज पर अंतिम समय पर मंत्री ताम्रध्वज साहू को भी उतारे जाने की चर्चा है। दरअसल साहू समाज के गणित के आधार पर ही वर्ष 1996 से लेकर 1998 , 1999 व 2004 के लोकसभा चुनाव में स्वं ताराचंद साहू ने लगातार 4 बार जीत दर्ज की थी। @Patrika.वहीं पिछले चुनाव में भी ताम्रध्वज साहू को मोदी लहर के बाद भी जीत मिली थी।
कांग्रेस की तरह भाजपा में भी प्रत्याशी चयन को लेकर खींचतान की खबर आ रही है। सूत्रों की मानें तो मोदी लहर के बाद भी पिछले चुनाव के पराजय से सबक लेते हुए भाजपा इस बार छत्तीसगढिय़ा समाज का प्रत्याशी उतारने के मूड में है। @Patrika.इसमें पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल का नाम सबसे आगे हैं, लेकिन गैर-छत्तीसगढ़ी स्थानीय नेताओं से उनके अनबन के कारण बात आगे नहीं बढ़ रही।