scriptबीमार हैं महाप्रभु जगन्नाथ, अणसर भवन में आंखें बंद कर उल्टा लेटे, भोग की बजाय पी रहे काढ़ा | Lord Jagannath is ill, he is treating his pundit in Temple | Patrika News

बीमार हैं महाप्रभु जगन्नाथ, अणसर भवन में आंखें बंद कर उल्टा लेटे, भोग की बजाय पी रहे काढ़ा

locationभिलाईPublished: Jun 25, 2019 01:41:37 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

स्नान पूर्णिमा में खूब नहाने के बाद बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ (Lord jagannath) स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। 15 दिनों तक गर्भगृह से अलग वे दूसरे भवन में आयुर्वेदिक औषधि से युक्त काढ़ा पी रहे हैं।

Lord jagannath

बीमार हैं महाप्रभु जगन्नाथ, अणसर भवन में आंखें बंद कर उल्टा लेटे, भोग की बजाय पी रहे काढ़ा

भिलाई. स्नान पूर्णिमा में खूब नहाने के बाद बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ (Lord jagannath) स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। 15 दिनों तक गर्भगृह से अलग वे दूसरे भवन में आयुर्वेदिक औषधि से युक्त काढ़ा पी रहे हैं। बीमार महाप्रभु अणसर भवन में आंखें बदं करके उल्टे लेटे हुए हैं। उन्हें अब पारंपरिक भोजन का भोग भी नहीं लगाया जा रहा। वे केवल सुबह-शाम काढ़ा पीकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों की मानें तो 15 दिनों तक महाप्रभु बीमार हैं। एक बीमार व्यक्ति को जिस तरह औषधि खिलाई जाती है ठीक उसी तरह महाप्रभु को भी यह काढ़ा पिलाया जा रहा हैै। उन्होंने बताया कि महाप्रभु को स्वस्थ करने जो सेवा की जाती है, वह गुप्त होती है।
Read more: Video: देवस्नान पूर्णिमा पर 108 कलश के जल से खूब नहाए महाप्रभु जगन्नाथ और पड़ गए बीमार

गर्म चीजों का इस्तेमाल
आयुर्वेदिक काढ़े में पीपली, जावित्री, शहद, नीम, केशर सहित कई ऐसे मसालों का उपयोग किया जाता है, जो शरीर को सर्दी, जुकाम, बुखार आदि में लाभदायक हो। इधर अणसर गृह में भगवान (Lord jagannath) को उलटा सुलाया गया है। अब यह दरवाजा 2 जुलाई को नेत्र उत्सव के दिन खुलेंगे और भगवान के स्वस्थ होने के बाद 4 जुलाई को श्री जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा निकाली जाएगी। सेक्टर-6 जगन्नाथ मंदिर के पंडित तुषार महापात्र ने बताया कि 15 दिनों तक भगवान की गुप्त पूजा होती है। इसमें काढ़े लेकर पूजन तक की सेवा सब इस तरह की जाती है कि उसे कोई देख न पाए।
lord jagannath temple Bhilai
छिपा हुआ है पौराणिक संदेश
देवस्नान पूर्णिमा के बाद न तो मंदिरों के घंटे बज रहे हैं, और न ही गर्भगृह के द्वार खुले हैं। पुजारी कहते हैं कि भगवान जन्नाथ (Lord jagannath) विष्णु का स्वरूप हैं। मानव स्वरूप में वे जगन्नाथ के रूप में धरती पर आए, इसलिए वे बीमार पड़ते हैं और उन्हें उपचार की भी जरूरत पड़ती है। देवस्नान पूर्णिमा के बाद बीमार पड़े भगवान का उपचार किया जा रहा है। पंडितों की मानें तो इन सभी परंपराओं के पीछे संदेश भी छिपा हुआ है। गर्मी के बाद होने वाली बारिश में ज्यादा भीगने से लोग जल्दी बीमार पड़ते हैं। इसलिए बारिश से हमें बचना चाहिए।
Chhattisgarh Bhilai से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर ..

ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो