इस्पात भवन में ईडीपीएण्डए के कांफ्रेंस हॉल में शनिवार को सुबह 11 बजे तक पहुंचने के लिए कैंटीन के ठेकेदारों को फोन आया। करीब 11.15 बजे तक सभी सात पार्टियां वहां पहुंच गई।
इस्पात भवन के दूसरे फ्लोर पर कुछ देर में कैंटीन सेल के एजीएम अरविंद रतन, कांट्रेक्ट सेल के एजीएम संजीव श्रीवास्तव और फायनेंस से एजीएम स्तर के अधिकारी पहुंचे। इनकी कमेटी ही कैंटीन के इस टेंडर को पूरा करवाने जा रही थी। जो बीच में ठेकेदारों के पीछे हट जाने से अटक गया था। इसके बाद बिना टेंडर के ही कैंटीन में चाय, नाश्ता से लेकर खाना तक परोसा जा रहा था।
कमेटी ने फर्म के जिम्मेदारों से कहा कि आज जो टेंडर प्रक्रिया की जा रही है, उसका नाम स्पॉट टेंडर है। इसमें १ बजे तक सभी को टेंडर फार्म जमा करना है। जिसमें टेक्नो कमर्शियल बीट पर हस्ताक्षर करना है। इसके अलावा प्राइज बीट डालकर फार्म को जमा कर देना है। सभी ने समय पर टेंडर फार्म जमा कर दिया। इसमें हिस्सा ले रहे ठेकेदारों के मुताबिक वे पहली बार इस तरह के स्पॉट टेंडर का नाम सुने और हिस्सा लिए।
विभाग ने 2.30 बजे टेंडर ओपन कर दिया। वहीं 4 बजे एल-1 आने वाली फर्म समेत सभी को कितना काम मिलेगा, वह बता दिया। इस तरह से तीन घंटे के भीतर इस टेंडर को मुकाम तक पहुंचा दिया गया। इसके बाद ठेकेदारों से उनके लेटर हेड में सहमति पत्र लिए।
कैंटीन के टेंडर में एल-1 आने के बाद कम रेट होने की वजह से काम करने से इंकार करने वाली फर्म को प्रबंधन ने इस बार बुलाया ही नहीं। टेंडर में सात फर्म ने हिस्सा लिया, जिसमें से सविता सरकार फर्म ने 96 फीसदी एबोव व इंडियन कॉफी हाउस ने करीब 400 एबोव रेट पर टेंडर डाला था। प्रबंधन के तय दर से 30 फीसदी एबोव रेट डालने पर उसे निविदा के आगे की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता। इस वजह से दोनों ही फर्म अपने आप इससे बाहर हो गए।
बीएसपी ने जब पिछले टेंडर निकाला था, तब 50 हजार रुपए बतौर अर्नेस्ट मनी हर फर्म से लिया था, तब यह टेंडर 3 साल के लिए किए थे। इस बार स्पॉट टेंडर किया गया। इस शार्ट टेंडर का समय 9 माह है। इस बीच प्रबंधन तीन साल के लिए नए टेंडर की तैयारी पूरी कर लेगा। तय है कि नियम शर्तों में बदलाव किया जाएगा, जिससे एल-१ आने वाली पार्टी काम छोड़कर हट न सके।
टेंडर ओपन होने के बाद मेसर्स पंकज कुमार सिंह (एल-1) जिन्होंने बीएसपी के 75 रुपए के बदले 27 फीसदी बिलो रेट 54.75 डाला उनको 18 कैंटीन संचालन करने का काम मिला है। वहीं एल-2 रहे राजा कैटरर्स ने 25 फीसदी रेट कम डाला, इस फर्म को 11 कैंटीन, मुस्कान कैटरर्स ने 24 फीसदी रेट कम डाला उनको संयंत्र में 7 कैंटीन चलाने, प्रीशा कोलिनरी ने 9 फीसदी कम रेट डाला, इस फर्म को 6 कैंटीन व बबीता कैटरर्स ने 7 फीसदी कम रेट डाला, जिसे 5 कैंटीन संचालन करने मिलेगा। बीएसपी में 47 कैंटीनें संचालित होते हैं। इसमें 8 कैंटीन 24 घंटे बंद नहीं होते। इनका टेंडर जून 2018 में खत्म हो गया था, अब जाकर 9 माह के लिए नया टेंडर हुआ है।
बीएसपी के कैंटीन के लिए हुए टेंडर की प्रक्रिया रिवर्स ऑक्शन के बाद जब जून में पूरी की गई, तब कंपनी रेट से करीब 31 फीसदी कम दर पर टेंडर हुआ था। इस बार तीन घंटे के टेंडर में कंपनी के रेट से 27 फीसदी बिलो रेट पर टेंडर हुआ है। इस तरह से फर्मों ने अपने घाटे को कहीं न कहीं कम किया है।