देवस्नानपूर्णिमा पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ सहित बलभद्र, एवं सुभद्रा को बाजे-गाजेे के साथ श्रीमंदिर से स्नान मंडप तक लाया गया। जहां उन्हें पवित्र नदियों के जल, मधु, सुंगधित द्रव्य और अन्य चीजों से स्नान कराया गया। सेक्टर 6 मंदिर में इस अवसर पर अक्षयपात्र के हरेराम-हरे कृष्ण मूवमेंट से जुड़े लोगों ने हरिकीर्तन भी पेश किया। यह रस्में दोपहर तक चली।
आषाढ़ लगते ही भगवान जगन्नाथ ने गर्मी से निजात पाने खूब स्नान किया। दिनभर वे श्रीमंदिर से बाहर स्नान मंडप में बैठे रहे। शाम की आरती के बाद वे बीमार पड़ जाएंगे। इसलिए आराम करने उन्हें मंदिर के गर्भगृह में रखने की बजाए अणसर गृह में उन्हें सुलाया जाएगा। इस दौरान उन्हें शाम को औषधियुक्त काढ़े का भोग भी जाएगा ताकि उनकी बीमारी ठीक हो।
सेक्टर 6 मंदिर के पूजारी तुषार माहापात्र ने बताया कि 15 दिनों तक भगवान को अन्न प्रसाद की बजाए काढ़े का भोग लगाया जाएगा। इस पूरे उत्सव के दौरान सेक्टर 4 मंदिर जगन्नाथ समिति के अध्यक्ष डॉ. मनोज मोहंती, महासचिव सत्यवान नायक कोषाध्यक्ष डी त्रिनाथ पात्रो, सहित समिति के पदाधिकारी बसंत प्रधान, अनाम नाहक, भीम स्वांई, एवं सेक्टर 6 मंदिर में पूजारी तुषार महापात्र, समिति के अध्यक्ष ललित पाणीग्राही, महासचिव गजेन्द्र पंडा, सुनील जैन, दीपक अग्रवाल, अशोक पंडा, रघुनंदन पंडा, अरूण पंडा, सहित उत्कल समाज के लोग मौजूद थे।