मेंटनेंस के दौरान प्रबंधन यूआरएम में रिहीटिंग फर्नेस में किसी तरह का लिकेज या दूसरी दिक्कत को दूर करेगा। इसके अलावा मेजर दिक्कत जो भी हो उसे दूर किया जाएगा। रोलर, क्रेन, इलेक्ट्रिकल सप्लाई, डिलवरी के हिस्से का मेंटनेंस किया जा रहा है।
बीएसपी प्रबंधन की योजना है कि इस मेंटनेंस पूरा होने के बाद लांग्स रेलपांत का उत्पादन नियमित किया जा सके। बिना मेंटनेंस के उत्पादन लेने से बड़ी दिक्कत पेश आने की आशंका बनी रहती है। इससे बचने यह मेंटनेंस लिया गया है।
यूआरएम के जीएम एसआर बाबू की देखरेख में यह मेंटनेंस किया जा रहा है। अधिकारी यहां के एसीटी व ओसीटी कर्मियों को जरूरत के मुताबिक सुबह 6 से शाम 6 बजे तक रोक रहे हैं। अधिकारी चाहते हैं कि यूआरएम से उत्पादन 5 मई को सुबह से लिया जा सके। यही वजह है कि अधिक से अधिक नियमित व ठेका श्रमिकों का उपयोग यहां किया जा रहा है।
बीएसपी के यूआरएम में हर दिन करीब 45 से 50 रेलपांत का उत्पादन किया जाता है। इसकी लंबाई 130 मीटर होती है। 29 अप्रैल से उत्पादन बंद रखने से करीब 300 नग रेलपांत का उत्पादन प्रभावित रहने की आशंका है।
बीएसपी की कोशिश है कि भारतीय रेलवे को इस वित्त वर्ष में करीब 16 लाख टन रेलपांत तैयार कर सप्लाई किया जाए। इसके लिए प्रबंधन रात-दिन एक कर रहा है। बीएसपी के नए 1.2 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाली यूनिवर्सल रेल मिल से प्रबंधन को सबसे अधिक उम्मीदें है। इसकी क्षमता प्रतिदिन 130 मीटर की 700 रेलपात उत्पादन करने की है। यूआरएम से पिछले साल हर दिन करीब 1584 टन रेलपांत उत्पादन किया गया।