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बंगाल के प्रवासी श्रमिक की छत्तीसगढ़ में कोरोना से मौत, शव को दफनाने के बाद पूरे कब्रिस्तान को किया सैनिटाइज

locationभिलाईPublished: May 28, 2020 12:57:03 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

कोरोना पॉजिटिव का प्रदेश में पहली मौत का मामला दर्ज करने के बाद प्रशासन और पुलिस की मौजदूगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया। (coronavirus death in Chhattisgarh)

बंगाल के प्रवासी श्रमिक की छत्तीसगढ़ में कोरोना से मौत, शव को दफनाने के बाद पूरे कब्रिस्तान को किया सैनिटाइज

बंगाल के प्रवासी श्रमिक की छत्तीसगढ़ में कोरोना से मौत, शव को दफनाने के बाद पूरे कब्रिस्तान को किया सैनिटाइज

दुर्ग. कोरोना पॉजिटिव का प्रदेश में पहली मौत का मामला दर्ज करने के बाद प्रशासन और पुलिस की मौजदूगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया। मुस्लिम रीति रिवाज से शव को बुधवार को जामुल स्थित कब्रस्तिान में दफनाया गया। खास बात यह है कि शव को विश्व स्वास्थ्य संगठन के गाइडलाइन के हिसाब से लीव पू्रफ बॉडी बैग में सील पैक कर अंतिम संस्कार करना था, लेकिन बैग के अनुपलब्धता के कारण शव को काले रंग के पॉलीथीन में लपेटकर अंतिम संस्कार किया गया।
एंबुलेंस से पहुंचाया गया कब्रिस्तान
अंतिम संस्कार कार्यक्रम में वे लोग शामिल हुए जो पश्चिम बंगाल परगना निवासी 36 वर्षीय मृतक के साथ थे और वर्तमान में वे सेक्टर 4 क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने उन्हें अंतिम संस्कार में जाने की अनुमति दी थी। उन्हें पहले पीपीई किट पहनाया गया। इसके बाद क्वारंटाइन सेंटर से विशेष एंबुलेंस से कब्रिस्तान पहुंचाया गया। नगर पालिक निगम के कर्मचारियों ने पहले शव को दफनाने से पहले और बाद में पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज किया। इसके बाद ही सभी लोग वहां से लौटे।
मृतक के चेचेरे भाई व तीन सहयोगियों की रिपोर्ट अभी नहीं आई
स्वास्थ्य विभाग ने मृतक के चचेरे भाई और तीन सहयोगियों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा है। सभी का स्वाब सैंपल लेकर एम्स भेजा गया है। चारों का रिपोर्ट नहीं आई है। क्वारंटाइन सेंटर प्रभारी डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि अंतिम संस्कार से लौटने के बाद चारों का पीपीई किट नष्ट किया गया। साथ ही पूरे सेंटर को सैनिटाइज भी किया गया। अंतिम संस्कार में छावनी सीएसपी विश्वास चंद्राकर, नायब तहसीलदार योगेन्द्र वर्मा के अलावा टीआई विनय सिंह, प्रधान आरक्षक चेतन साहू, आरक्षक राजेन्द्र यादव, चंद्रशेखर चंदेल उपस्थित थे। कफन दफन करने में आरक्षक जुनैद सिद्धकी की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
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