मोतीलाल वोरा : पत्रकार से राजनीतिज्ञ और फुटबॉल, वॉलीबॉल में दिलचस्पी – राजस्थान के नागौर में जन्मे मोतीलाल वोरा और उनका परिवार दुर्ग में रहता है। – मोहनलाल वोरा और अंबा बाई के बेटे मोतीलाल का जन्म 20 दिसंबर 1928 को हुआ था।
– पत्रकारिता और समाजसेवा करते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखा और पहचान बनाई। – फुटबॉल और वालीबॉल जैसे खेल में दिलचस्पी रखने वाले वोरा को किताबें पढऩे का शौक है। मोतीलाल वोरा : किशोरीलाल शुक्ल से प्रभावित हो कांग्रेस में आए, बने विधायक
– वोरा ने वर्ष 1968 में दुर्ग नगर निगम में पार्षद निर्वाचित होकर राजनीतिक सफर शुरू किया। – समाजवादी पार्टी से जुड़े वोरा ने किशोरीलाल शुक्ल से मुलाकात के बाद कांग्रेस की सदस्यता ली।
– वर्ष 1972 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य (विधायक) बने। – इसके बाद वर्ष 1977 और फिर 1980 में भी लगातार चुनाव जीतकर विधायक निर्वाचित हुए। – मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया।
– वोरा 13 मार्च 1985 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 13 फरवरी 1988 को इस पद से इस्तीफा दिया। मोतीलाल वोरा : मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चौंकाया, बने केंद्रीय मंत्री – मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तत्काल बाद वोरा को राज्यसभा सदस्य बनाया गया।
– राज्यसभा की सदस्यता के साथ वोरा को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। – उनको स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया। – 16 मई 1993 को उत्तरप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए, लेकिन वोरा 1998 में लोकसभा चुनाव जीत संसद पहुंचे।
– गांधी परिवार से नजदीकी और पार्टी का उनपर भरोसा कभी कम नहीं हुआ। कई पदों पर रहे। – अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष जैसे शीर्ष पदों पर रहे।
– कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ वोरा का नाम भी नेशनल हेराल्ड केस में शामिल रहा।