धरना की मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. सरोज पांडेय थीं। उन्होंने भूपेश बघेल सरकार पर हमला करते हुए कहा कि किसानों के विषय पर मुख्यमंत्री केवल वोट की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस की यह सरकार अन्नदाताओं का शोषण और उनके साथ विश्वासघात कर रही है। अपने घोषणा पत्र पर ध्यान नहीं देते हुए ट्रांसफर की दुकान खोलकर बैठे हुई है। पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
यह सरकार बीते 2 वर्षों मेें किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है। आगे नगर निगम चुनाव है। इसके लिए मुख्यमंत्री को स्वयं सड़क पर उतरना पड़ रहा है। अभी से गली-गली घूम रहे हैं। इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है? सरोज ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री इस जिले के हैं। गृहमंत्री और पीएचई मंत्री भी यहां से हैं। आधी सरकार दुर्ग जिले से है, लेकिन दुर्ग की क्या हालात है आप सब देख रहे हैं।
जिला भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र साहू ने राज्यपाल को दिए जाने वाले ज्ञापन का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर भूपेश सरकार किसानों की समस्याओं एवं धान खरीदी में भारी अव्यवस्थाओं का निराकरण नहीं करती है तो आगामी 22 जनवरी को किसानों का जिला स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा। मार्कंडेय तिवारी, संजय खन्ना, कन्हैया सोनी, डॉ राधेश्याम वर्मा, रामअवतार तिवारी, मनोज तिवारी, बाल्मीकि सिंह, कमल चंद्राकर, भूषण अग्रवाल ने भी सभा को संबोधित किया। संचालन पुरुषोत्तम देवांगन ने किया। धरना स्थल पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शन में केवल सरोज पांडेय खेमे के लोग शामिल हुए। यही वजह रही है कि दो-दो विधानसभा स्तरीय इस प्रदर्शन में अपेक्षित भीड़ नहीं जुट पाई। जिला उपाध्यक्ष विनीत वाजपेयी, फणेंद्र पांडे, आरके सिंह, जसवंत ठाकुर, प्रमोद अग्रवाल, अर्जुन सचदेव, संतोष सिंह, सतेन्द्र सिंह, विजय जायसवाल, रणजीत सिंह, पीएन दुबे, अनिल सोनी, दिलीप पटेल, गुरजीत सिंह, राजीव पाण्डेय, रामबृज वर्मा, संजय शर्मा, प्रीति जाधव, मंजूषा साहू, लक्ष्मी साह, खगेश कोसरिया, बृजेंद्र सिंह, रामानंद मौर्य, सुरेश शुक्ला उपस्थित थे।