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स्वच्छ भारत मिशन: सफाई में चाहिए थ्री स्टार तो NGT के 18 बिंदुओं की कसौटी पर उतरना होगा खरा

locationभिलाईPublished: Dec 10, 2018 10:49:51 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्टार रेटिंग से पहले शहरों को इस बार नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) के पैमाने पर खरा उतरना होगा।

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स्वच्छ भारत मिशन: सफाई में चाहिए थ्री स्टार तो NGT के 18 बिंदुओं की कसौटी पर उतरना होगा खरा

दुर्ग. स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्टार रेटिंग से पहले शहरों को इस बार नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) के पैमाने पर खरा उतरना होगा। एनजीटी ने इसके लिए 18 बिन्दु तय किए हैं। इन बिन्दुओं के आधार पर केंद्र के मूल्यांकन से पहले राज्य की नगरीय प्रशासन विभाग की टीम शहरों का सर्वेकर परफॉर्मेंस ऑडिट करेगी। ऑडिट मेंं सब कुछ ठीक मिला तभी केंद्र की टीम स्टार रेटिंग के लिए आएगी। नगर निगम दुर्ग व भिलाई ने थ्री स्टार रेटिंग का दावा किया है।
इस तरह होगी परफार्मेंस ऑडिट
नगरीय निकायों को स्टार रेटिंग के लिए पहले खुद दावा करना होगा। दावे के आधार पर 1, 2 व 4 स्टार रेटिंग के लिए राज्य शासन द्वारा थर्ड पार्टी परफार्मेंस ऑडिट कराया जाएगा। वहीं 3, 5 व 7 स्टार रेटिंग के लिए पहले राज्य सरकार और बाद में केंद्रीय आवास व शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा थर्ड पार्टी से परफार्मेंस ऑडिट कराया जाएगा। इसमें खरा उतरने पर ही हमारे शहर को सफाई में 3 स्टार रेटिंग प्राप्त होगा।
नगर निगम आयुक्त लोकेश्वर साहू ने व्यापारियों समेत अन्य संगठन के लोगों से सफाई के लिए निगम को सहयोग करने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम दुर्ग उमेश मिश्रा ने बताया कि थ्री-स्टार रेटिंग के लिए तैयारी की जा रही है। इसके लिए ज्यादा फोकस जन-जागरूकता पर रहेगा। सुधार के साथ लोगों की सहभागिता जरूरी है। परफार्मेंस ऑडिट के तहत राज्य की टीम द्वारा गोपनीय सत्यापन किया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो सेंट्रल की टीम आएगी और सत्यापन करेगी।
एनजीटी ने इसलिए तय किए पैमाने
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम पर परफार्मेंस के लिए कई शहरों में गाइड लाइन के विपरीत प्रक्रिया अपनाए जाने की शिकायत के बाद एनजीटी दिल्ली ने परफार्मेंस ऑडिट का पैमाना तय कर नगरीय प्रशासन विभाग को मॉनिटरिंग का निर्देश दिया है। डोर-टू-डोर कलेक्शन, सेग्रीगेशन ऑफ वेस्ट, कलेक्शन एंड ट्रांसपोर्टेशन, इनफार्मल वेस्ट पिकर्स इंटीग्रेटेड, सेनेटरी वर्क व सफाई, बिन फ्री सिट, गीले व सूखे कचरे की प्रोसेसिंग, टू मैनेज कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलाइजेशन वेस्ट, रिमेडीएशन ऑफ एक्साइटिंग डम्प साइट्स, सेनेटरी लैंडफील,कास्ट ऑफ सेनिटेशन अंड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, बल्क वेस्ट जनेरेटर्स, हाउस होल्ड प्रोसेसिंग, 50 माइक्रोन से कम वाले पॉलीथिन पर बैन,जल स्रोतों के प्रदूषण पर रोक।
प्रतिबंध के बाद धड़ल्ले से हो रहा पॉलीथिन का उपयोग
रिसाइकिल नहीं किए जा सकने वाले 50 माइक्रोन से कम थिकनेस वाली पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसकेबाद भी खतरनाक पॉलीथिन धड़ल्ले से बिक रही है।
पाबंदी के बाद भी जला रहे कचरा
एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट ने कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। कचरे का निष्पादन करना है। इसके विपरीत ट्रैंचिंग ग्राउंड में व सड़क किनारे खुले में भी कचरे में आग लगाई जा रही है।
रोक के बाद भी नदी में समा रहा गंदा पानी
गंदे नालियों व सीवरेज के पानी के जल स्रोतों में मिलने से रोक की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। यहां शिवनाथ सहित शहर के सभी तालाबों में नालों व नालियों का गंदा पानी भी समा रहा है।
डोर-टू-डोर कलेक्शन
चौक-चौराहों को कचरा मुक्त बनाने हर घर से कचरा कलेक्ट किया जाना है। एक रिक्शे में 2 महिलाओं की ड्यूटी लगाकर 200 घरों की जिम्मेदारी दे दी गई है। महिलाएं मुश्किल से ७० फीसदी घरों में रोज पहुंच पा रही हैं।
सेग्रीगेशन ऑफ वेस्ट
सूखा व गीला कचरे का अलग-अलग प्रोसेसिंग अनिवार्य है। अभी भी 40 फीसदी घरों से मिक्स कचरा आ रहा है। कचरे का शत-प्रतिशत निष्पादन नहीं हो रहा।

शौचालयों की सफाई
शहर के सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की नियमित सफाई व जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना है।
इसके विपरीत अभी भी आधे से ज्यादा शौचालयों में गंदगी की शिकायत है।
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