संविधान दिवस के दिन भिलाई के कर्मियों ने लिया राष्ट्र व्यापी हड़ताल में हिस्सा
श्रमिक नेताओं ने कहा लोकतांत्रिक अधिकार व गरिमा के साथ जीने का है सवाल.

भिलाई. 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं स्वतंत्र फेडरेशन के आह्वान पर गुरुवार को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के तहत भिलाई में भी सीटू, इंटक, एटक, एचएमएस, ऐक्टू, इस्पात श्रमिक मंच, स्टील वर्कर्स यूनियन ने भी वेतन समझौता शीघ्र करने लंबित विषयों को शीघ्र निराकरण करने, कर्मचारियों पर गुलामी थोपने वाली श्रम संहिताओं को वापस लेने की मांग को लेकर हड़ताल किया। सभी यूनियनों के साथी सुबह 5 बजे से ही विभिन्न गेटों पर तैनात होकर कर्मियों को हड़ताल में शामिल होने और समर्थन में खड़े होने की अपील की।
लोकतांत्रिक अधिकार व गरिमा के साथ जीने का है सवाल
इस मौके पर सीटू के नेता एसपी डे ने कहा कि यह दिन हमारे लिए विशेष महत्व रखता है । स्वतंत्रता प्राप्ति के 2 वर्षों से भी अधिक समय के बाद 26 नवंबर 1949 को हम भारतवासियों को अपना संविधान प्राप्त हुआ था। हमारे संविधान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के अथक प्रयासों के बाद तैयार भारत का संविधान के मसौदे को भारत की जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से बनी संविधान सभा ने पूरी चर्चा के बाद 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत अधिनियमित एवं आत्मार्पित किया था। इस संविधान में भारत को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित किया गया। संप्रभु का अर्थ भारत अपना निर्णय स्वयं लेगा। लोकतंत्र का अर्थ जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए चुने गए प्रतिनिधियों से बना शासन तंत्र व गणराज्य का अर्थ एक ऐसा राज्य जिसका मालिक जनता है।
क्या कानून पारित करने वालों को कानून के प्रभाव की है जानकारी
संसद के बीते मानसून सत्र में जिस तरह से 3 दिन में 17 कानूनों संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत कर पारित कराया गया क्या किसी भी सांसद के लिए उन कानूनों के प्रावधानों को पढ़कर यह तय करना संभव है कि वे सारे प्रावधान उस जनता के हित में है जिन्होंने उन्हें चुना है। अगर है तो सांसद से सवाल है कि क्या 1 दिन की अनाधिकृत अनुपस्थिति पर 8 दिन का वेतन काटा जाना उचित है, कोड ओन वेजेस की धारा 20 में इस प्रावधान को जोड़ा गया है।
महिलाओं से रात की पाली में ड्यूटी कराना उचित
क्या नियोक्ता को महिला कर्मियों को रात्रि पाली में नियुक्ति का अधिकार देना उचित है। क्या 300 से कम कर्मियों वाले औद्योगिक प्रतिष्ठानों को स्थाई आदेश के दायरे से बाहर रखना उचित है। कई प्रावधान है जो जनता के हित में नहीं है कर्मियों के हित में नहीं है। यह हमे यकीन है कि सांसद कर्मियों पर गुलामी वाली नीतियों के खिलाफ है, लेकिन सांसदों को इतना समय ही नहीं दिया गया कि वे इसका अध्ययन कर इसका उनके क्षेत्र की जनता पर पडऩे वाले प्रभाव पर विचार कर वे इसे पारित करते हैं।
बीएसपी में 7 साल के दौरान 8000 कर्मी घटे
भिलाई इस्पात संयंत्र के सभी महत्वपूर्ण विभागों के काम का आउटसोर्सिंग हो रहा है, जिस तरह से पिछले 7 वर्षों में 8000 कर्मियों कम हुये है और कर्मियों की संख्या में आ रही कमी की दर यथावत है क्या बीएसपी में कुछ वर्षों के बाद एक भी स्थाई कर्मचारी रहेगा। क्या बीएसपी कुछ दिनों के बाद एचएससीएल नहीं बन जाएगा। जहां एक भी स्थाई कर्मी नहीं। यह सिर्फ बीएसपी की स्थिति नहीं है यह सभी सार्वजनिक उपक्रमों की स्थिति है। इस मौके पर सीटू के अलावा छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अरुण सिंह सिसोदिया, जिला अध्यक्ष तुलसी साहू, सीजू एंथोनी, महासचिव एसके बघेल, कार्यकारी महासचिव संजय साहू भी प्रमुख तौर पर मौजूद थे।
अब पाइए अपने शहर ( Bhilai News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज